उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

सिटी बस संचालन को लेकर ठेकेदार की मनमानी

  • परमिट आरडी गार्डी से तपोभूमि का-बसें चल रही सिर्फ देवास गेट से नानाखेड़ा तक

उज्जैन। उज्जैन में सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड के जरिए सिटी बस सेवा का संचालन हो रहा है। इसमें 12 सिटी बसें चल रही हैं। नगर निगम के रिकार्ड में इनके रूट और संख्या तय है, लेकिन हकीकत में कई रूट पर बस नहीं चल रही हैं। वर्तमान में नगर निगम द्वारा उज्जैन में 12 सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है जिसमें 4 सिटी बस उज्जैन से तराना, 6 सिटी बस शहर के अंदर और 2 बसों को भस्मारती एक्सप्रेस के रूप में चलाई जा रही हैं। खास बात यह है कि शहर के अंदर चलने वाली 6 बसों का रूट आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से देवास गेट और देवास गेट से तपोभूमि तक तय किया गया है, लेकिन सिटी बस के चालक परिचालक अपनी मनमानी करते हुए इन बसों को सिर्फ देवास गेट से नानाखेड़ा और नानाखेड़ा से देवास गेट के बीच में ही चला रहे हैं। पड़ताल में सामने आया कि सिटी बस स्टाफ के द्वारा उज्जैन से देवास और इंदौर जाने वाली सवारियों की सौदे बाजी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक बनने के बाद शहर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एकदम बढ़ी है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि महाकाल आए है तो पास में एक और ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर के भी दर्शन कर लिए जाए।



ऐसे में वह महाकाल दर्शन के बाद सीधे ओंकारेश्वर के लिए निकलता है। कुछ श्रद्धालु उज्जैन के बाद सीधे देवास की टेकरी घूमने के लिए देवास निकल जाते हैं। यानी उज्जैन घूमने आने वाले श्रद्धालु उज्जैन घूमने के बाद इंदौर और देवास की ओर निकल जाते हैं। इसी मौके को सिटी बस के कंडक्टर और ड्राइवर अवसर समझ अतिरिक्त कमाई करने में लगे हुए हैं। सिटी बस वाले देवास गेट से यात्री तो बैठाते है लेकिन उन्हें नानाखेड़ा बस स्टैंड पर नहीं छोड़ते हुए हरिफाटक ओवर ब्रिज और इंदौर रोड पर एक निजी होटल के आगे ही इंदौर की बस में बैठा दिया जाता है जिसके एवज में ड्राइवर और कंडक्टर को 200 रुपए प्रति बस की कमाई हो रही है। इस प्रकार की सौदेबाजी देवास जाने वाले यात्रियों की जा रही है। इसकी एवज में प्रति बस 100 रु लिए जा रहे हैं। यही कारण है कि जो सिटी बसें आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से देवास गेट और देवास गेट से तपोभूमि तक चलाई जानी चाहिए सिर्फ देवास गेट से नानाखेड़ा के बीच दौड़ाई जा रही है जो ठेकेदार की अनुमति के बिना संभव नहीं।

इनका कहना है
2 शिकायत मेरी संज्ञान में आई है तो ठेकेदार को बुलाकर समझाईश दी जाएगी। यदि फिर भी स्थिति में सुधार नहीं होता है तो नोटिस जारी कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
विजय गोयल, उपयंत्री नगर निगम

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