पेरिस । फ्रांस (France) में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona virus infection) के रिकॉर्ड 58,000 नए मामले सामने आए हैं। यह अबतक की सर्वाधिक दैनिक वृद्धि है। इससे एक दिन पहले 40,500 नए मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य महानिदेशक जेरोम सॉलोमन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 58,046 नए मामले सामने आए हैं। यह लोग पिछले एक सप्ताह में कोरोना की चपेट में आए हैं।
उन्होंने बताया कि फ्रांस में एक सप्ताह में करीब 20 लाख कोरोना वायरस जांच की जा रहा है जिसमें 20 प्रतिशत से अधिक संक्रमित मामले आ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना से 363 मरीजों की मौत हुई है जिससे कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 39,000 के पार पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस इस समय दो संकटों से एक साथ गुजर रहा है। यहां कोरोना वायरस का महासंकट तो आया ही हुआ है, साथ ही यहां पर इस्लामिक आतंकवाद की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। कहीं न कहीं ये घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जिसके चलते राष्ट्रपति ने इनके विरोध में कड़े फैसले लेने का संकल्प भी दोहराया है, जिस पर कि पूरी दुनिया में मुसलमानों द्वारा विरोध प्रदर्शन कर आपत्ति जताई जा रही है।
पेरिस में टीचर का सिर धड़ से अलग करने पर जहां फ्रांस (France) में इस्लामिक कट्टरवादियों पर कार्रवाई हो रही है. वहीं फ्रांस की इन कार्रवाइयों के विरोध में मुस्लिम देशों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी बीच इस्लामिक आतंकवाद के मुद्दे पर फ्रांस को भारत, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी बड़ी महाशक्तियों का साथ मिला है. जिससे इस मुद्दे पर आगे टकराव तेज होने की आशंका बढ़ गई है.
इस्लामिक कट्टरवाद और आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई का चेहरा बन चुके फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन और देश पर हो रहे आतंकवादी हमलों के बावजूद झुकने को तैयार नहीं है. राष्ट्रपति मैक्रों की अगुवाई में फ्रांस अब इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने को तैयार है. मैक्रों ने साफ किया है कि फ्रांस इस्लामिक आतंकी हमले के बाद भी फ्रांस अपने मूल्यों को छोड़ेगा नहीं.
हम मजबूती के साथ खड़े रहेंगे: मैक्रों
मैक्रों ने कहा,’मैं यहां, सबसे पहले फ्रांस और अन्य जगहों पर कैथोलिक आबादी के लिए राष्ट्र का समर्थन व्यक्त करना चाहता हूं. 2016 की गर्मियों में फादर जैक्स हेमेल की हत्या के बाद, एक बार फिर से कैथोलिकों को निशाना बनाया गया है. पूरा देश उनके पक्ष में खड़ा है. हम मजबूती से साथ खड़े रहेंगे ताकि हमारे देश में धर्म का स्वतंत्र रूप से अभ्यास किया जा सके.’
इसी बीच पेरिस में टीचर की गला काटकर हत्या के बाद फ्रांस के नीस के नीस शहर में एक बार फिर इस्लामिक आतंकी हमला हुआ. हाथ में कुरान और चाकू लिए एक कट्टरवादी ने पहले मजहबी नारे लगाए. उसके बाद चाकू से लोगों पर हमला बोल दिया. वारदात में 3 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. तीन लोगों की हत्या करने वाला आरोपी इसी साल सितंबर के आखिर में ट्यूनिया से आया था और उसकी उम्र सिर्फ 21 साल है।
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