ब्‍लॉगर

कोरोनाः भारत अभी भी बेहतर

 

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

कोरोना के पहले दौर के बाद भारत की सरकारों और जनता ने जो लापरवाही की थी, उसे अब सारा देश भुगत रहा है। इस वक्त कोरोना से एकदिन में हताहत होनेवालों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा हो गई है। यह बहुत दुखद है लेकिन इस गणित का दूसरा पहलू भी है। वह यह है कि पिछले साल से अब तक भारत में कुल 1 करोड़ 80 लाख लोगों को कोराना हुआ है और उनमें से 2 लाख लोगों की मौत हुई है। देश की लगभग 140 करोड़ की आबादी में से 1.1 प्रतिशत लोगों की मौत हुई। मौत का यह प्रतिशत सिर्फ तुर्की (0.80) से ज्यादा है जबकि अमेरिका, यूरोप और अन्य महाद्वीपों के कई देशों में यह प्रतिशत भारत से दुगुना-तिगुना और कई गुना है। अमेरिका में 5.7 लाख, ब्राजील में 3.9 लाख और मेक्सिको में 2.15 लाख लोग मरे हैं। वे देश भारत के मुकाबले कितने छोटे हैं।

ऐसा तब है जबकि उनमें से कई देशों में चिकित्सा-सुविधाएं भारत से कहीं बेहतर और सुलभ हैं। यदि भारत में कुंभ का मेला और पांच राज्यों की चुनावी सभाएं नहीं होतीं और करोड़ों लोग सावधानियां बरतते तो भारत दुनिया के सामने एक आदर्श उपस्थित कर सकता था लेकिन जो हो गया, सो हो गया, अब हमें आगे की सुध लेनी चाहिए।


हमारे सर्वोच्च न्यायालय और कई उच्च न्यायालय काफी सक्रियता दिखा रहे हैं। कई बार उनकी भाषा और राय अतिवादी-सी लगती हैं लेकिन कोरोना के युद्ध में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मद्रास हाईकोर्ट की आलोचना का ही शायद यह परिणाम है कि चुनाव आयोग ने चुनाव-परिणाम आने के बाद होनेवाली रैलियों और सभाओं पर रोक लगा दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोरोनाग्रस्त जजों के लिए अशोक होटल में इलाज की विशेष व्यवस्था करनेवाली दिल्ली सरकार को काफी आड़े हाथों लिया है। उसने दिल्ली में चल रही दवाइयों और इंजेक्शनों की कालाबाजारी पर भी दिल्ली सरकार को रगड़ा लगा दिया है। लेकिन मेरी समझ में नहीं आता कि प्राणरक्षक चीजों की कालाबाजारी करनेवाले राक्षसों में से एक को भी अब तक फांसी पर क्यों नहीं लटकाया गया है ?

नौजवानों को भी अब टीका लगेगा लेकिन इतने टीके हैं कहां ? टीकों की संख्या और कीमतों पर भी काफी विभ्रम फैला हुआ है। केंद्र सरकार इस मामले पर सख्त रवैया क्यों नहीं अपनाती ? अबतक हमारी सरकार पड़ोसी देशों को टीके देकर वाहवाही लूट रही थी लेकिन अब चीन भी इस मैदान में उतर आया है। उसने दक्षिण एशियाई राष्ट्रों को टीका देने के लिए दूर-सम्मेलन किया है लेकिन उसमें भारत, भूटान और मालदीव के अलावा सभी देशों ने भाग लिया है। यह ठीक है कि समर्थ देशों का भरपूर सहयोग भारत को मिल रहा है लेकिन अब भी लोग महामारी-संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और पुलिस को करोड़ों रु. जुर्माने में भर रहे हैं।

 

(लेखक सुप्रसिद्ध पत्रकार और स्तंभकार हैं।)

Share:

Next Post

'Dance Deewane 3' के आने वाले एपिसोड में नजर नहीं आएंगी Maduri Dixit, यह है वजह

Wed Apr 28 , 2021
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित (Maduri Dixit) का जलवा आज भी कायम है। माधुरी इन दिनों ‘डांस दीवाने 3’ (Dance Deewane 3) डांस शो की जज हैं। अपने फेवरेट एक्ट्रेस की एक झलक पाने को बेकरार फैंस रिएलिटी शो का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अपनी बातों के साथ-साथ डांस करके भी माधुरी ने इस […]