इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंश्योरेंस से पहले कोरोना की जांच-पड़ताल, दर भी बढ़ी


कोरोना संक्रमण के बाद जागरूकता बढ़ी…लोग पहुंचे बीमा कराने
इंदौर, बजरंग कचोलिया ।
कोरोना संक्रमण के बाद अब लोग लाइफ इंश्योरेंस कराने जा रहे हैं तो उनसे कोरोना की जानकारी भी मांगी जा रही है। अब उन्हें यह भी बताना पड़ रहा है कि उन्हें कोरोना हुआ तो नहीं है और हुआ है तो कब…। बदले हालात से अब बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ी तो बीमा कंपनियों ने भी दरों में इजाफा कर दिया है और अब काफी पूछताछ के बाद ही पॉलिसी दे रही हैं।
सूत्रों के अनुसार आमतौर पर लोग लाइफ इंश्योरेंस को लेकर बहुत जागरूक नहीं होते। वे इसे कभी भी अपनी प्राथमिकता में नहीं रखते। बंैक में एफडी, शेयर बाजार में निवेश या सोने की खरीदी ही उनके निवेश में टॉप पर रहता है, क्योंकि इनमें निवेश पर ज्यादा फायदा मिलता है। लेकिन जीवन बीमा कराने के प्रति लोगों में जागरूकता कम रहती है। कारण साफ है कि उन्हें अपने जीवनकाल में बहुत कम ही इसका सीधा या लमसम फायदा मिलता है। हां, ये बचत का साधन जरूर है, लेकिन जानकारों की मानें तो कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में जागरूकता बढ़ी है। बीमा कंपनियों में इस साल भारतीय बीमा निगम (एलआईसी) ने कोरोना काल में ही जमकर माल कूटा है। एलआईसी सहित कई कंपनियां अपने एजेंट्स को भी समझाइश दे रही हैं कि वह ग्राहकों को पॉलिसी देने के पहले उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले लें। एलआईसी तो अब कमोबेश सभी ग्राहकों से कोरोना का घोषणापत्र तक भरवा रही है, जिसमें इस बात का डिक्लेरेशन है कि ग्राहक को कोरोना नहीं हुआ है और उसके परिवार में भी नहीं। साथ ही पॉलिसी लेते समय टूर की भी जानकारी मांगी जा रही है, ताकि वह सही से जोखिम अंकन कर सकें। लगभग सभी कंपनियां अब पॉलिसी देते वक्त ग्राहकों से कई तरह की जानकारी भी पूछने लगी हैं। मसलन उन्हें या उनके किसी परिजन को कोरोना तो नहीं हुआ है या कोई लक्षण तो नहीं दिखाई दिए अथवा कभी डॉक्टर ने कोई सलाह तो नहीं दी है।
छोटे टर्म प्लान बंद, प्रीमियम भी बढ़ा
सूत्रों की मानें तो कई कंपनियां टर्म प्लान के प्रस्ताव पत्र महीनों पटके हुए हैं तो कुछ विभिन्न कारण बताकर देने से इनकार कर रही हैं, क्योंकि इसमें रिस्क ज्यादा रहती है और बीमा कंपनी को प्रीमियम (किस्त) कम राशि की मिलती है। एलआईसी ने तो 25 लाख से कम राशि के टर्म प्लान देना ही बंद कर दिए हैं। वहीं औपचारिकताओं में भी सख्ती कर दी है, जैसे तीन साल के इनकम टैक्स रिटर्न की अनिवार्यता, मेडिकल जांच वगैरह। इधर, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने अपनी प्रीमियम (किस्त) की राशि में भी 20 फीसदी तक का इजाफा कर दिया है। यही स्थिति लाइफ इंश्योरेंस के टर्म प्लान के मामलों में भी है। फिलहाल कोरोना संक्रमण काल में लोगों की इंश्योरेंस के प्रति जागृति बढ़ी है। उपभोक्ता प्राथमिकता से अपना बीमा करवाने पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि वक्त-बेवक्त काम आ सके और मुश्किल घड़ी में उन्हें या उनके परिवार को किसी पर आश्रित नहीं होना पड़े।
अब एजेंटों के भरोसे नहीं खुद ध्यान रखते ग्राहक
कोरोना के नवाचार में अब यह भी शामिल हो गया है कि ग्राहक खुद ही प्रीमियम या किस्त भरने की तारीख पास आने पर ऑनलाइन या ऑफलाइन पैसा जमा कर रहे हैं। पहले एजेंट ग्राहकों को याद दिलाते थे, लेकिन मौजूदा माहौल में लोग अपनी केयर खुद करने लगे हैं। व्यवसायी योगेश गुप्ता बताते हैं कि पिछले दिनों उन्हें बाहर जाना था, किंतु किस्त भरने का समय आने पर पहले ही भुगतान कर दिया, ताकि पॉलिसी लैप्स न हो जाए। मालूम रहे, लाइफ इंश्योरेंस में त्रिमासिक, छमाही या सालाना प्रीमियम जमा करने पर एक माह का ग्रेस पीरियड रहता है उसके बाद भी पॉलिसी ब्याज सहित जमाकर चालू करवा सकते हैं।

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