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कोरोना खत्म हो गया, ऐसा सोचना ‘महाभूल’, अब मिलकर तबाही मचा सकते हैं Omicron+Delta

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप थोड़ा कम जरूर हुआ है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। पिछले कुछ महीनों से तबाही की वजह बना रहा कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट भले ही शांत हो गया हो लेकिन यह अपने नए अवतार की तैयारी में लगा हुआ है। एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिक चेतावनी दे चुके हैं कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है और दुनिया को अगले कुछ महीनों में चौथी लहर का सामना करना पड़ सकता है।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘यह सोचना एक बड़ी भूल होगी कि संकट (कोविड-19 महामारी) खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में वायरस ने छह मिलियन से अधिक लोगों की जान ले ली और अभी भी तीन अरब लोग कोरोना वैक्सीन के अपने पहले शॉट की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दो साल पहले दुनियाभर के लोगों का जीवन एक वायरस से प्रभावित हुआ था। कोविड-19 दुनिया के हर कोने में तेजी से और लगातार फैल गया। इससे पूरी दुनिया को भारी नुकसान हुआ। लेकिन यह सोचना एक गंभीर गलती होगी कि महामारी खत्म हो गई है।

Delta+Omicron मिलकर मचा सकते हैं तबाही
इस बीच एक नए अध्ययन ने दावा किया है कि डेल्टा और ओमीक्रोन को मिलकर एक नया वायरस बन सकता है और वैज्ञानिकों को इसका ठोस सबूत मिला है। फ्रांसीसी संस्थान पाश्चर इंस्टीट्यूट (Pasteur Institute) के एक हालिया अध्ययन में डेल्टा और ओमीक्रोन को मिलकर बने वायरस को लेकर ठोस सबूत मिले।


WHO ने दी चेतावनी
इस अध्ययन को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने चिंता जाहिर की है। उसने कहा है कि यह दोनों वेरिएंट तेजी से फैल रहे थे और इस संयोजन की पहले उम्मीद थी। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने यह भी आश्वासन दिया कि इसकी गंभीरता और संचरण क्षमता को समझने के लिए कई अध्ययन चल रहे हैं।

कई हिस्सों में फैलना शुरू हुआ वायरस
फ्रांस के कई क्षेत्रों में डेल्टा और ओमीक्रोन कॉम्बिनेशन वायरस की पहचान की गई थी और जनवरी 2022 की शुरुआत से फैल रहा है। विशेष रूप से समान प्रोफाइल वाले वायरल जीनोम की पहचान डेनमार्क और नीदरलैंड में भी की गई है।

कितना घातक होगा यह कॉम्बिनेशन?
इसकी गंभीरता और फैलने की क्षमता के बारे में डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक मारिया वैन करखोव ने ट्विटर पर कहा, जिस तरह डेल्टा और ओमीक्रोन तेजी से फैल रहे हैं, उसे देखते हुए यह उम्मीद की जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि डब्ल्यूएचओ इस पर नजर बनाए हुए है और इस पर शोध की जा रही है।

अभी चल रहे हैं शोध
मारिया वैन करखोव ने यह भी कहा कि वर्तमान में, इसकी गंभीरता और प्रसार में कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है, लेकिन इस विषय पर कई अध्ययन चल रहे हैं। इस स्तर पर, परीक्षण महत्वपूर्ण बना हुआ है।

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