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भ्रष्टाचार जांच : सचिन वाजे के बयान के बाद मामले में नया मोड़, अनिल देशमुख को पैसे देने से किया इनकार

मुंबई । मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ लगाए गए करोड़ों रुपये वसूली के आरोप की जांच मामले में सचिन वाजे (Sachin Waje) के बयान के बाद नया मोड़ आ सकता है।

बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने चांदीवाल आयोग के सामने गवाही के दौरान मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उसने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख या उनके स्टाफ के किसी सदस्य को पैसे का भुगतान किया था। वाजे ने इससे भी इनकार किया कि उसने मुंबई में बार और बार मालिकों से पैसे वसूले थे। वाजे मंगलवार को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) केयू चांदीवाल आयोग के समक्ष गवाही दे रहा था। यह आयोग मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है।


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अनिल देशमुख ने इस साल अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। देशमुख के वकील गिरिश कुलकर्णी की ओर से वाजे के साथ जिरह मंगलवार को भी जारी रही। पूछा गया कि क्या ऐसा कोई मौका आया था जब वाजे को देखमुख को पैसों का भुगतान करना पड़ा था तो वाजे ने कहा, “नहीं।”

वाजे ने तत्कालीन गृह मंत्री के कर्मचारी के किसी भी सदस्य को पैसे देने से इनकार किया। पूछा गया कि देशमुख के सहायक कुंदन शिंदे को उसने पैसे दिए तो वाजे ने कहा, “मुझे याद नहीं।”

सवाल किया गया कि क्या तत्कालीन गृह मंत्री के कार्यालय से किसी ने उससे बार या बार मालिकों से पैसे लेने को कहा था तो वाजे ने कहा, “ मुझे याद नहीं।” उसने बार या बार से संबंधित लोगों से पैसे लेने से भी इनकार किया। वाजे से यह भी पूछा गया कि अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) में मामलों की जांच के दौरान गृह मंत्रालय या किसी राजनीतिक पार्टी ने किसी तरह का हस्तक्षेप किया तो उसने इससे भी इनकार किया।

बाद में जांच आयोग ने मामले को 21 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया और स्थगन का आग्रह करने पर देशमुख पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष अपने बयान में, वाजे ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने उसे बार और होटल मालिकों से पैसे लेने के लिए कहा था। उसने यह भी दावा किया था कि देशमुख हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच में निर्देश देते थे।

वाजे ने आरोप लगाया था कि अक्तूबर 2020 में देशमुख के आवास ‘दिनेश्वरी’ में हुई एक बैठक के दौरान राकांपा नेता ने उसे 1,750 बार और रेस्तरां की सूची दी थी और उनसे तीन-तीन लाख रुपये लेने को कहा था। ईडी के सामने अपने बयान में, वाजे ने यह भी उल्लेख किया था कि उसने बार से एकत्र किए पैसे को देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को सौंपा था।

उसका बयान केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा दाखिल आरोपपत्र का हिस्सा है। ईडी ने धन शोधन के संबंध में मामले की जांच की थी। देशमुख को ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों के आधार पर 21 अप्रैल को सीबीआई द्वारा देशमुख और उनके सहयोगियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशाल ने अपनी जांच शुरू की थी। वाजे मुंबई पुलिस में सहायक निरीक्षक था लेकिन उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक कार से विस्फोटक मिलने के मामले में उसे मार्च में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इस समय सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के विरुद्ध लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है।

देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए इस साल मार्च में महाराष्ट्र सरकार द्वारा कैलास उत्तमचंद चांदीवाल जांच आयोग का गठन किया गया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अनिल देशमुख पर सचिन वाजे के नए रुख से देशमुख और उनके शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ कई मामलों पर असर पड़ेगा, जिनकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी द्वारा जांच की जा रही है।

देशमुख व वाजे को चांदीवाल आयोग में पेश होने का नोटिस
चांदीवाल आयोग ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को पेशी के लिए नोटिस भेजे हैं। देशमुख से 16 और वाजे से 20 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अलग मामलों में देशमुख और वाजे न्यायिक हिरासत में हैं। आयोग मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों की जांच कर रहा है।

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