इंदौर न्यूज़ (Indore News)

500 करोड़ के फोरेक्स ट्रेडिंग घोटाले के आरोपी दंपति दुबई में काट रहे थे फरारी

इन्दौर। 500 करोड़ के फोरेक्स ट्रेडिंग घोटाले के प्रमुख आरोपी सात माह से दुबई में फरारी काट रहे थे। कल मुंबई एयरपोर्ट पर पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया था। उनको लेने के लिए इंदौर पुलिस की टीम रात को ही मुंबई के लिए रवाना हो गई। पुलिस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी, जबकि केस दर्ज होने के बाद ये दंपति फरार हो गए थे।

मार्च में पुलिस को बिजलपुर निवासी देवेश करदानी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसको पैसा दोगुना करने का लालच देकर प्लेटिनम ग्लोबल कंपनी के संचालकों ने ठगी की है। इस पर पुलिस ने अतुल नेतराम, उसकी पत्नी पारूल, सोनिया, हरदीप, अनिल बिष्ट और अक्षय को गिरफ्तार किया था, जबकि नेतराम दंपति फरार हो गए थे। जांच में खुलासा हुआ था कि इन लोगों ने फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से 500 करोड़ से अधिक की ठगी कर विजय नगर का ऑफिस बंद कर दिया था। इसके चलते पुलिस ने दंपति पर दस-दस हजार का इनाम रखा था और उनका लुकआउट नोटिस जारी किया था। एडीसीपी राजेश व्यास ने बताया कि कल मुंबई एयरपोर्ट से सूचना मिली कि ये दोनों दुबई से प्लेन से मुंबई आए हैं। इस पर उनको हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद इंदौर पुलिस की टीम रात में ही उनको लेने भेज दी गई।


खुद को यूके में रजिस्टर्ड कंपनी बताते थे
व्यास ने बताया कि इन लोगों ने पूरे प्रदेश में जाल बिछाकर एजेंट बनाए थे। ये लोग इंदौर, नीमच, मंदसौर, देवास जैसे छोटे शहरों के किसानों को पैसा दोगुना करने का झांसा देकर एजेंट के माध्यम से जाल में फंसाते थे और फिर ऑफिस बंद कर भाग गए थे। पुलिस को मामले में उनके कई एजेंटों की भी तलाश है। ठगी के लिए लोगों को बताते थे कि यह कंपनी यूके में रजिस्टर्ड है, जबकि यूके में उनका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। वहीं नेतराम दंपति दुबई में ही ज्यादा बैठते थे। फरारी के दौरान भी उनकी लोकेशन दुबई ही मिली थी।

कंपनी के खाते से पत्नी के खाते में जाता था पैसा
पुलिस ने बताया कि पारूल के खाते की जांच में पता चला था कि उसके खाते में एक करोड़ रुपए हैं, जबकि करोड़ों के ट्रांजेक्शन है। इस पर खाता फ्रीज करवाया गया था। यह पैसा एजेंटों के माध्यम से पहले कंपनी के खाते में जमा होता था और फिर वहां से पारूल के खाते में। इसके चलते उसे भी आरोपी बनाया गया है। अब आरोपियों के आने के बाद उनका रिमांड लेंगे और फिर उनके बैंक खातों की जांच की जाएगी। वहीं करोड़ों रुपया लोगों को कहां ट्रांसफर किया है इस संबंध में दोनों से पूछताछ की जाएगी।

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