- अतिक्रमणकारियों का कब्जा, ननि व स्मार्ट सिटी के बीच समन्वय नहीं
जबलपुर। स्मार्ट सिटी के चयन हो जाने के बाद लंबे अरसे से शहरवासियों को उम्मीद थी कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद शहर की तस्वीर बदलती हुई दिखाई देगी लेकिन अब स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों से भी अब धीरे धीरे भ्रष्टाचार की बू आने लगी हैं। स्मार्ट सिटी द्वारा बनाए गए लगभग 4 करोड़ की लागत से सड़क के दोनो ओर 3 मीटर चौड़े साइकिल ट्रैक में भी तोड़ फोड़ के साथ अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा हैं। ऐसा नहीं है की अधिकारियों की इसकी खबर नही लेकिन अधिकारी भी इस घटनाक्रम से अंजान बने हुए हैं। कटंगा से ग्वारीघाट तक सड़क के दोनो ओर बने साइकिल ट्रैक में सैकड़ों ठेले टपरो के कब्जे हैं।
साथ ही लोग ट्रैक में अपनी कार भी खड़ी करते है। जिससे साइकिल ट्रैक में साइकिल न चलाकर लोगों को सड़क का ही सहारा लेना पड़ता हैं। अब प्रश्न यह उठता हैं जब लोगंो को साइकिल सड़को पर ही चलाना पड़े तब जनता के पैसों की होल क्यो खेली गई। उक्त साइकिल टे्रक के निर्माण से लोगो को काफी उम्मीद थी कि उन्हें स्वास्थ्य लाभ के साथ ही ईंधन की बचत भी होगी, लेकिन देखरेख के अभाव पर लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
हेक्सी प्रोजेक्ट की फिर उठी मांग
स्मार्ट सिटी द्वारा पीपीई मॉडल पर हीरो कंपनी की साइकिल द्वारा शहर की तस्वीर बदलने का प्रयास किया गया था। प्रमुख स्थानों पर साइकिल स्टैंड बनाकर लाखों रुपए लगाए गए लेकिन असामाजिक तत्वों के कारण कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए जिसका अंजाम शहरवासियों को भुगतना पड़ा और कंपनी चली गई। पेट्रोल-डीजल बढ़ते दामों और ट्रेफिक के कारण एक बार फिर शहरवासी अच्छे साइकिल ट्रैक के साथ हेक्सी प्रोजेक्ट की मांग कर रहे हैं।
साइकिल फॉर चैलेंज अभियान में मिला था 15 वां स्थान
भारत सरकार द्वारा चलाए गए साइकिल फार चैलेंज अभियान में भी जबलपुर शहर पिछड़ गया। शहर में साइकलिंग को बढ़ावा देने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों द्वारा विभिन्न जागरूकता रैली निकालकर अभियान की खानापूर्ति की गई। लेकिन साइकिल ट्रैक के हालात आज भी साइकिल चलाने योग्य नहीं हैं। यदि अतिक्रमण मुक्त सुव्यवस्थित ट्रैक जनता को दिया जाता तब लोग साइकिल के प्रति ज्यादा जागरूक होते और इससे ननि के खजाने में भी बढ़ोत्तरी होती।
साइकलिंग के लिए लोगो की पहली पसंद डुमना सड़क
शहर में आज भी साइकिल के प्रति लोग काफी रुचि है लेकिन अव्यवस्थाओं का शिकार कटंगा से ग्वारीघाट साइकिल ट्रैक पर लोगो की रुचि काफी कम हैं। आज भी सैकड़ों लोग साइकलिंग के लिए डुमना रोड को पसंद करते हैं। और अपनी सेहत के साथ साइकलिंग का लुफ्त उठाते हैं।
मैं प्रतिदिन साइकिल के लिए डुमना रोड जाता हूं। मैं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से मांग करता हूं कि कटंगा से ग्वारीघाट की तर्ज पर रांझी से घमापुर साइकिल ट्रैक भी बनाया जाए।
अंशुल तिवारी
जबलपुर स्मार्ट सिटी और नगर निगम को आपसी तालमेल से काम करके साइकलिंग ट्रैक को अतिक्रमण मुक्त कराना चाहिए। जिसका फायदा हम सभी को मिल सके।
कपिल विश्वकर्मा
मैं प्रतिदिन साइकलिंग करता हूं। लेकिन स्मार्ट सिटी के द्वारा साइकिल ट्रैक बीच-बीच में क्षतिग्रस्त है। इसलिए ट्रैक पर साइकिल चलाने से परहेज करता हूं।
हर्ष लोधी
जनता के करोड़ों रुपए पानी में बह जाएंगे। जब तक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाया जाता। सख्त कार्रवाई की आवश्यकता हैं।
रागिनी तिवारी
इनका कहना है
साइकिल ट्रैक में यदि अतिक्रमण हुए है तो इसकी जानकारी नगर निगम को दी जायेगी, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई ननि द्धारा की जाती है।
निधि सिंह राजपूत, सीईओ जबलपुर स्मार्ट सिटी