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आईएमएफ के साथ दाल नहीं गली, तो पाकिस्तान फिर गया अमेरिका की शरण में

इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज जारी करवाने में मदद के लिए पाकिस्तान ने फिर अमेरिका से गुहार लगाई है। बताया जाता है कि पाकिस्तान सरकार के अधिकारी आईएमएफ के बार-बार “गोल पोस्ट बदलने” से परेशान हैं। उन्होंने कहा है कि मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार ने भारी सियासी जोखिम उठा कर आईएमएफ की सख्त शर्तों को लागू किया है। इसके बावजूद आईएमएफ का रुख नरम नहीं हुआ है।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार ने मंगलवार को अमेरिका के उप वित्त मंत्री वैली अडेयमो के साथ ऑनलाइन बातचीत की। इस दौरान डार ने ध्यान दिलाया कि आईएमएफ के साथ इस हफ्ते पाकिस्तान का स्टाफ लेवल समझौता होने की संभावना नहीं है। इसकी वजह दोनों पक्षों में मतभेद कायम रहना है। डार ने कहा कि ब्याज दर, मुद्रा विनिमय दर, वित्तीय मुद्रा की कमी, और ऋण चुकाने की यूनिट को लेकर दोनों पक्षों में मतभेद कायम हैं।

इस बीच पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति हर रोज अधिक बिगड़ती जा रही है। पाकिस्तान सरकार के डिफॉल्टर (कर्ज चुकाने में अक्षम) होने की आशंका गंभीर रूप ले चुकी है। इस संकट से फौरी राहत तभी मिल सकती है, अगर आईएमएफ इसी महीने 1.1 बिलियन डॉलर का कर्ज जारी कर दे। लेकिन आईएमएफ ने ऐसा करने का अभी कोई ठोस संकेत नहीं दिया है। इस बीच मंगलवार को पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा, तब अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने उसका दर्जा और गिरा दिया।


इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए डार ने अमेरिका से अनुरोध किया कि वह आईएमएफ में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे। अमेरिका ने इस बारे में आश्वासन दिया या नहीं, ऐसी कोई खबर सामने नहीं आई है। इस बीच पाकिस्तान सरकार के सूत्र मीडिया से बातचीत में आईएमएफ के नजरिए पर असंतोष जता रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान पर दबाव डाला जा रहा है कि वह महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दर को फिर से तय करे।

एक सूत्र ने कहा- ‘ऐसा लगता है कि आईएमएफ हमें वैश्विक महंगाई की भी कीमत चुकाने को कह रहा है।’ वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने आईएमएफ के नजरिए को अतार्किक बताया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान से स्टाफ लेवल समझौते के पहले ही वे सख्त कदम उठाने को कहा जा रहा है, जो आम तौर पर ऐसे समझौते के बाद उठाए जाते हैं। आईएमएफ में अमेरिका की सबसे अधिक शेयरहोल्डिंग है।

आम तौर पर यह माना जाता है कि आईएमएफ में फैसले अमेरिका की मर्जी से ही होते हैं। इसीलिए पाकिस्तान सरकार ने एक बार फिर अमेरिका के सामने हाथ फैलाया है। डार और वैली अडेयमो की बातचीत के बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है- ‘वित्त मंत्री अमेरिका के उप वित्त मंत्री को आईएमएफ से हुई वार्ता के बारे में जानकारी दी। डार ने बताया कि अतीत में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने आईएमएफ के प्रोग्राम पर सफलतापूर्वक अमल किया था। उसके मौजूदा प्रोग्राम को भी पूरा करने के लिए पाकिस्तान सरकार वचनबद्ध है।’

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