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डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के विवादास्पद पोस्टर को लेकर दिल्ली पुलिस ने निर्देशक पर मामला दर्ज किया


नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने निर्देशक लीना मणिमेकलाई के खिलाफ (Against Director Leena Manimekalai) डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ (Documentary Film ‘Kaali’) के विवादास्पद पोस्टर को लेकर (Over Controversial Poster) मामला दर्ज किया है (Registers Case) । पोस्टर को मणिमेकलाई ने 2 जुलाई को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। पोस्टर में हिंदू देवी ‘काली मां’ को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताया कि पुलिस को एक शिकायत मिली कि देवी काली को सोशल मीडिया पर एक पोस्टर में सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है।


पुलिस अधिकारी ने कहा, “डायरेक्टर लीना मनिमेकलाई के खिलाफ आईपीसी 153ए (धर्म जाति के आधार पर भड़काना) और आईपीसी 295ए (किसी वर्ग, धर्म की भावनाओं को आहत पहुंचाने का मामला) के तहत मामला दर्ज किया है।” प्राथमिकी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट में दर्ज की गई है। अधिकारी ने कहा, “मामले में जांच शुरू कर दी गई है।” पोस्टर ने सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर हंगामा किया और निर्देशक को गिरफ्तार करने की मांग ट्विटर पर ट्रेंड करने लगी। डॉक्यूमेंट्री उन घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, एक शाम, जब देवी काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर टहलती हैं।

दिल्ली के एक वकील और कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने सोमवार को निर्देशक लीना मणिमेकलई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिंदल ने कहा, “निर्देशक ने देवी काली को धूम्रपान करते हुए दिखाकर मेरी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो बेहद आपत्तिजनक है और किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।” वकील ने कहा कि आपत्तिजनक वीडियो क्लिप और फोटो को तुरंत इंटरनेट से प्रतिबंधित और हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे हिंदुओं को होने वाले अपमानजनक प्रभाव और आक्रोश को देखते हुए यह एक समुदाय की धार्मिक मान्यताओं को अपमानित करता है।

 

दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के साथ दायर शिकायत में कहा गया है, “यह जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य आरोपी द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट से अत्यधिक आपत्तिजनक वीडियो और फोटो के माध्यम से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करना है, जिसे सोशल मीडिया और सभी सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया गया है। यह 295ए, 298, 505, 67 आईटी अधिनियम और 34 आईपीसी के तहत अपराध है और इसलिए आरोपी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।”

 

सोमवार को कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने भी आयोजकों से ‘काली’ डॉक्यूमेंट्री से संबंधित सभी भड़काऊ सामग्री को हटाने का आग्रह किया। एक बयान में, उच्चायोग ने कहा कि उन्हें कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से आगा खान संग्रहालय, टोरंटो में अंडर द टेंट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में प्रदर्शित एक फिल्म के पोस्टर पर हिंदू देवताओं के अपमानजनक चित्रण के बारे में शिकायतें मिली हैं।

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