इंदौर। शहर में डेंगू जैसी बीमारी फिर पैर फैला रही है और इस बीमारी के इलाज के लिए बने अस्पतालों की हालत यह है कि वहां खुद डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं। कैंसर और एमटीएच अस्पताल के तलघर में घुटने-घुटने तक पानी भरा पड़ा है। यहां आने-जाने की किसी को इजाजत नहीं है। परिसर में रातभर लाइट चालू रहती है, ताकि कोई जलजमाव के कारण गिर न जाए।
इंदौर जिले में अब तक 158 मामले डेंगू के पाए गए हैं, जिसमें से 99 पुरुष और 59 महिलाएं डेंगू की चपेट में आई हैं। मलेरिया विभाग पूरे शहर में डेंगू और मलेरियों की दवाई के छिडक़ाव और फागिंग के दावे कर रहा है, लेकिन आलम यह है कि अस्पताल में ही डेंगू के मच्छर पन रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे शहर में ऐलान किया जाता है कि डेंगू के मच्छरों से बचने के लिए साफ पानी का जमाव रोकें, लेकिन खुद विभाग अपने अस्पतालों की सफाई नहीं करवा पा रहा है। निजी अस्पतालों पर सख्ती और कार्रवाई का डंडा चलाने वाले अधिकारी अपने ही विभागों की मूल शक्ल नहीं देख पा रहे हैं। कैंसर अस्पताल और एमटीएच अस्पताल के तलघर में सालों से भरे पानी में डेंगू पनप रहा है। एक तरफ तो अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर डेंगू और मलेरिया पर लगाम लगाने की बात कर रहा है, वहीं उलट तस्वीर बड़ी भयानक है। कैंसर अस्पताल में सालों से तलघर में पानी भरने की समस्या जगजाहिर है। ज्ञात हो कि मलेरिया विभाग द्वारा समय-समय पर एडवाइजरी जारी कर पानी नहीं भरने देने, गड्ढों को बूरने और गार्डन, छत, तलघर में सफाई करने की हिदायत दी जाती है।
घर में बीमारी… शहरभर का इलाज
शहरभर में डेंगू की दवाइयों का छिडक़ाव करने का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग अपने ही अस्पतालों में ऊपरी तौर पर दवाइयों का छिडक़ाव कर रहा है। वार्ड, गलियारे, छतों पर दवाइयों का छिडक़ाव तो कर दिया, लेकिन तल मंजिल में भरा हुआ पानी किसी को नजर नहीं आया। एमटीएच अस्पताल में प्रतिदिन 500 से अधिक मरीज और उनके परिजन आते हैं। ऊपरी पांच मंजिलों में नवजातों के साथ प्रसूताएं भर्ती रहती हैं, लेकिन इन्हें डेंगू से बचाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आए, वहीं कैसर अस्पताल में सैकड़ों की तादाद में प्रतिदिन ओपोडी में मरीज इलाज के साथ-साथ कीमोथैरेपी, रेडिएशन थैरेपी लेने के लिए आते हैं। स्वास्थ्य की जगह डेंगू लेकर घर जाए, इसमें कोई दो राय नहीं है।
यह है कर्ताधर्ताओं का कहना
एमटीएच अस्पताल के तलघर में कर्ताधर्ता कुएं के रिसाव के चलते पानी भरना बता रहे हैं, लेकिन यहां पानी में ही मच्छरों का तैरना देखा जा सकता है, वहीं कैंसर अस्पताल में स्थिति और भी भयावह है। यहां पर भरा हुआ पानी गटर की सड़ांध मार रहा है।
ऐसी स्थिति है, तो दिखवाता हूं। पानी में लार्वा की जांच भी कराऊंगा। अस्पताल में समय-समय पर दवाई का छिडक़ाव करते रहते हैं, लेकिन तलघर में पानी भरा है, तो उच्च अधिकारियों से बात करूंगा।
-दौलत पटेल, डिस्ट्रिक्ट मलेरिया आफिसर
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