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उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खुद गाड़ी चलाकर पहुंचे अस्पताल, सुविधाओं की हकीकत का लिया जायजा


वाराणसी । उत्तर प्रदेश (UP) के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) खुद ही गाड़ी चला कर (By Driving Himself) दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल (Deendayal Upadhyay District Hospital) पहुंच गए (Reached) । यहां उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर (Registration Counter) से लेकर इमरजेंसी वार्ड (Emergency Ward) सहित अन्य जगहों पर घूमकर मरीजों (Patients) के इलाज (Treatment) की सुविधाओं की हकीकत (Reality of the Facilities) का जायजा लिया (Took Stock) ।


स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल परिसर में घूमते रहे लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी। जैसे ही लोगों ने पहचाना तो हड़कंप मच गया। अस्पताल परिसर में वार्ड से लेकर अन्य जगहों पर गंदगी देखने के बाद ब्रजेश पाठक ने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई। वो इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करने में लगे है। उनका औचक निरीक्षण जारी है। लखनऊ, बाराबंकी तथा सीतापुर के बाद वह वाराणसी के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल की व्यवस्था परखने पहुंचे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक कुर्ता पायजमा की जगह शर्ट और पैंट पहनकर आम आदमी की तरह अस्पताल पहुंचे थे। शुक्रवार शाम उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरहुआ का भी निरीक्षण किया था। खामियां मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई थी।

दीनदयाल उपाध्याय जिला के सीएमएस के कमरे में पहुंचकर स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति रजिस्टर की जांच की। इस दौरान छुट्टी पर रहने वालों के बारे में सीएमएस से स्पष्टीकरण तलब किया।इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट और मरीजों के जांच, इलाज की व्यवस्थाओं के बारे में पूरी जानकारी ली। अस्पताल परिसर स्थित ट्रॉमा सेंटर में डिजिटल एक्सरे को देखने के लिए डिप्टी सीएम ने जब एक्सरे कक्ष को देखने की इच्छा जताई तो पता चला कि ताला बंद है। करीब 10 मिनट तक वह चाबी आने का इंतजार करते रहे। जब चाबी नहीं मिली तो नाराज होकर वापस लौट गए।उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यक्रम सरकार अब जनता के द्वार के तहत वाराणसी मंडल के प्रभारी बनाए गए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शुक्रवार से वाराणसी में हैं। कल कई विभागों की समीक्षा करने के बाद आज दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचे।

वाराणसी से आज चंदौली जाने से पहले ही वह स्वयं ही गाड़ी चलाकर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की व्यवस्था की जांच करने पहुंच गए। डेंटल विभाग में मशीन पर धूल देख काफी नाराजगी व्यक्त की और डाक्टर को चेतावनी दी। ओपीडी का निरीक्षण करने के दौरान डाक्टर्स से वार्ता कर रहे मरीजों से बातचीत की।
इसके बाद ट्रामा सेंटर में मरीजों से बात करते हुए दो वर्ष पहले से ही बंद पड़े ओपीडी के बंद होने पर नाराजगी जताई। डिजिटल एक्स-रे कक्ष में ताला बंद होने पर सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई। जन औषधि केंद्र में दवाओं के बारे में जानकारी ली। इसके बाद सीएमएस डा. आर के सिंह को अस्पताल में सुधार लाने की सलाह देने के साथ आगे बड़ी कार्रवाई की अंतिम चेतावनी दी।

स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल के शौचालय में गंदगी देखकर काफी नाराज हुए। इसके अलावा ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, एक्सरे, ओपीडी, फिजियोथैरेपी समेत तमाम विभागों की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान बाहर की दवा लिखने की शिकायत पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हिदायत दी कि व्यवस्था सुधार लें अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहे। जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवाओं को नहीं लिखने पर अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी।

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