भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

DFO की बंशकार समाज को चेतावनी, अतिक्रमण खाली करो नहीं तो अधिकारों से भी वंचित करा देंगे

  • पत्र लिखकर जिला प्रशासन से भी अतिक्रमण हटवाने के लिए मांगी गई मदद

भोपाल। वन परिक्षेत्र अधिकारी (डीएफओ)के चेतावनी भरे एक पत्र में लिखी गई भाषा से बंशकार समाज में हड़कंप मचा हुआ है। इस पत्र में लिंक रोड नंबर दो में स्थित धार्मिक स्थल के नाम पर किए अतिक्रमण को तीन दिन में खाली करने की चेतावनी दी गई है। पत्र में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है वह कुछ इस प्रकार है, तीन दिवस में बंशकार समाज अतिक्रमण नहीं हटाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। बसोड़ बही को निरस्त कराकर डिपार्टमेंट की ओर से दिए जाने वाले बांस मुहैया कराने बंद करा दिए जाएंगे। पत्र में यह भी लिखा है कि अतिक्रमण किए गए क्षेत्र में रहने वाले समस्त बंशकार समाज जल्द अतिक्रमण खाली नहीं करते हैं तो शासन की ओर से मिलने वाली तमाम सुविधाओं को निरस्त करने की कार्रवाई कराई जाएगी।


ये है मामला
जानकारी के मुताबिक नत्थु बंशकार अर्जुन नगर में रहते हैं। लिंक रोड नंबर दो स्थित फु टपाथ किनारे बांस से बने सामान बेचने का काम करते हैं और समाज के जिला अध्यक्ष हैं। डीएफ ओ का पत्र उन्हीं के नाम से जारी किया गया है। जिसमें तमाम बातों का उल्लेख किया गया है। पत्र में लिखा गया है कि धार्मिक स्थल के नाम पर नत्थु ने फ ारेस्ट की भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। उक्त कब्जे का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। तीन दिन के भीतर कब्जा नहीं हटाया तो उनके व समाज के खिलाफ उक्त तमाम एक्शन लिए जाएंगे। जो पत्र में ऊपर उल्लेखित हैं। वहीं नत्थु का कहना है कि उक्त लेटर उन्हें करीब एक महीने पहले प्राप्त हुआ था। जिसके बाद में फ ारेस्ट ने कार्रवाई कराते हुए धार्मिक स्थल के आसपास के अतिक्रमण को हटाकर अपना कब्जा ले लिया है। यहां निगरानी के लिए वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उनका कारोबार व धार्मिक स्थल मुख्य मार्ग के किनारे है। फि लहाल यहां कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि पत्र में लिखी भाषा शैली की उन्होंने निंदा की है। उन्होंने बताया कि पत्र में साफ लिखा गया था कि तीन दिवस में अतिक्रमण खाली नहीं किया जाता है तो बसोड़ बही निरस्त कराई जाएगी। बांस महौया कराने बंद करा दिए जाएंगे और शासन की ओर से मिलने वाली तमाम सुविधाओं से भी वंचित कराने के लिए कर्रावाई कराई जाएगी। वहीं सूत्रों की माने तो धार्मिक स्थल को हटाने के लिए डीएफ ओ का पत्र प्रक्रिया में है। जिला प्रशासन की ओर से इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए आगे की कार्रवाई के लिए नगर निगम की अतिक्रमण शाखा से बल की मांग की गई है।

इनका कहना है…
नत्थु बंशकार के नाम पर कोई ऐसा पत्र जारी नहीं किया गया है, जिसमें आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया हो। रही बात बही रिन्युवल की तो वह नियम अनुसार समय-समय पर कराई जाती हैं। शासन की योजना अनुसार बंशकार समाज को बांस मुहैया कराए जा रहे हैं। जिस भूमि को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं, वह फ ॉरेस्ट की है। जिला प्रशासन की ओर से वर्ष 2008 में वन विभाग को यह भूमि आवंटित की जा चुकी है। कई लोगों की इस भूमि पर नियत खराब थी और अतिक्रमण करने के प्रयास किए गए। जिसे देखते हुए जमीन की बाउंड्री वाल का कार्य कराया जा रहा है।
आलोक पाठक, डीएफ ओ भोपाल

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