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डायबिटीज मरीज इन आदतों से आज ही बना लें दूरी, वरना सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक

नई दिल्ली (New Delhi)। डायबिटीज (Diabetes) आज के समय की सबसे तेजी से बढ़ती बीमारियों में एक है. भारत में विशेष रूप से पिछले एक दशक में डायबिटीज रोगियों (diabetic patients) की संख्या में तेज उछाल देखा गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती उम्र और फैमिली (age and family) हिस्ट्री की वजह से यह बीमारी होने की अधिक संभावना होती है. लेकिन खानपान और लाइफस्टाइल (food and lifestyle) की गलत आदतें भी इस बीमारी के बढ़ने की वजह हो सकती हैं. आप क्या खाते हैं और किस तरह की जीवनशैली जी रहे हैं, इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है. आपको हैरानी हो सकता है कि लेकिन आपकी रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें भी आपके ब्लड शुगर बढ़ने का कारण बन सकती हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हम सभी रोजाना जाने-अनजाने में कई ऐसे काम कर बैठते हैं जिससे डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. वहीं, जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज है, उन्हें खासतौर पर अपनी डेली लाइफ में हर एक छोटी से छोटी चीज में भी सावधानी बरतने की जरूरत होती है.


डायबिटीज के मरीज व्हाइट ब्रेड छोड़ें
अधिकांश भारतीय नाश्ते में व्हाइट ब्रेड का सेवन करते हैं जो कार्ब्स से भरपूर होती है. रिफाइंड कार्ब्स ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं, इसलिए इनका सेवन डायबिटीज की बीमारी में काफी हानिकारक हो सकता है. आपको यह ध्यान रखने की जरूरत है कि आपको हर तरह के रिफाइंड कार्ब्स से दूर रहना है क्योंकि इसका सेवन आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है. अगर आपको भी नाश्ते में व्हाइट ब्रेड खाने की आदत है तो इसे तुरंत बदल लें. बिस्कुट, पास्ता, मिठाई, केक, पेस्ट्री, सफेद चावल और एनर्जी ड्रिंक जैसी चीजों में भी रिफाइंड कार्ब्स होती हैं.

ब्रेकफास्ट छोड़ने की आदत हो सकती है खतरनाक
अगर आपको डायबिटीज है तो आपको अपने खाने-पीने के साथ ही उसके समय पर भी ध्यान देना जरूरी है. इस बीमारी में रोगियों को लंबे समय तक खाली पेट ना रहने की सलाह दी जाती है. इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए सुबह का नाश्ता बहुत जरूरी होता है. द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित कई रिसर्च बताती हैं कि जो लोग नाश्ता नहीं करते हैं, उन्हें इस बीमारी होने का खतरा अधिक होता है. रात के करीब आठ से 10 घंटे तक के बाद सुबह कुछ ना खाने की आदत ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकती है.

इस बीमारी में लगातार बैठे रहना भी गलत
डायबिटीज के मरीजों के लिए शारीरिक गतिविधि बेहद जरूरी है. इसलिए घर में या दफ्तर में लगातार बैठे रहने की आदत आपके लिए समस्या खड़ी कर सकती है. साल 2021 में 4,75,000 से अधिक लोगों पर किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि आलस भरी जीवनशैली जीने और फिजिकल एक्टिविटी ना करने से लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा 31 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.

अकेलापन भी होता है खतरनाक
कोरोना महामारी के लगभग एक साल बाद अमेरिका में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि लंबे समय तक अकेलापन भी टाइप 2 मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकता है. जर्नल डायबेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि जो लोग अकेले रहते हैं. लोगों से ज्यादा मिलते-जुलते नहीं है, उनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है.

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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