- गुस्से में बोले-इसको बाहर निकालो और अब अंदर मत आने देना
- नेताओं की कथनी और करनी में अंतर
इंदौर। यूं तो नेताओं की कथनी और करनी में अंतर जगजाहिर है, लेकिन अपनी बात पर थोड़ी ही देर में पलटने वाले नेता का उदाहरण भी कल देखने को मिला, जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम में युवाओं को गुस्सा नहीं करने की नसीहत दे रहे थे, लेकिन चंद मिनटों बाद ही वे एक कार्यकर्ता पर गुस्सा हो बैठे।
कल से युवक कांगे्रस का प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है। हालांकि यह शिविर विवाद की भेंट चढ़ गया, जब शिविर में बुलाए गए नवनियुक्त पदाधिकारियों की नियुक्ति पर चुने हुए पदाधिकारियों ने सवाल खड़ा कर इस्तीफे दे दिए। शुभारंभ सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह, प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। जब दिग्गी के बोलने की बारी आई तो उन्होंने संघ और भाजपा को खूब कोसा, जिस पर दिनभर क्रिया-प्रतिक्रिया होती रही। वहीं दिग्विजयसिंह जब भाषण दे रहे थे तो उन्होंने युवाओं से गुस्सा नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा कि गुस्से से व्यक्ति अपना संतुलन खो देता है। इसलिए गुस्सा मत करो, लेकिन दिग्विजयसिंह अपने ही इस उपदेश पर चंद मिनट भी कायम नहीं रह पाए। उन्होंने वहां मास्क ले रहे एक कार्यकर्ता को डपट दिया और कहा कि भाई बाद में मास्क ले लेना। वे यहीं नहीं रुके और कहा कि ऐसा कर मास्क बाहर जाकर ले ले और बाहर ही रहना तू अब। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि चलो बाहर निकालो इसको। यह सुनकर दूसरे कार्यकर्ता आश्चर्यचकित रह गए और एक-दूसरे का मुंह देखने लगे।
