भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

दिग्विजय सिंह का मुख्यमंत्री को पत्र… बाढ़, ओलावृष्टि और तूफान से पीडि़त किसानों पर संकट

भोपाल। मध्यप्रदेश की सरकार किसान हितैषी होने का दावा करती है। लेकिन उसकी कार्यप्रणाली इससे बिल्कुल अलग है। क्योंकि किसानों को मिलने वाली बीमा राशि सहित अन्य सुविधाओं के लिए उन्हें कई बार कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लेकिन किसानों से होने वाली सरकारी वसूली में किसी तरह की लेट-लतीफी सहन नहीं की जा रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह का ध्यान आकर्षित कराया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया है कि जिला सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को दिए गए केसीसी तथा खाद्य एवं बीज के ऋण भुगतान की अंतिम तिथि 28 मार्च रखी गई है। बैंकों द्वारा किसानों को मैसेज भेजकर 28 मार्च तक ऋण जमा करने के लिए कहा जा रहा है। इसी अवधि में ऋण जमा नहीं करने पर ब्याज सहित वसूली की धमकी भी दी जा रही है। जबकि किसान इसी साल जनवरी, फरवरी और मार्च महीने में हुई असमय बारिश, आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से बुरी तरह प्रभावित रहा है।


किसानों को नहीं मिल रही क्षतिपूर्ति राशि
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी कई जिलों के किसानों को क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिल रही है। फसल बीमा में बहुत कम राशि मिलने से किसान दुखी है। इन कारणों से किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। दिग्विजय सिंह के मुताबिक वर्तमान में रबी मौसम की फसलों की कटाई चल रही है। और उनके पास फसल नहीं आने से ऋण का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है। इसलिए वसूली प्रक्रिया को 31 मई तक रोक दिया जाना चाहिए। ताकि किसानों को संकट का सामना नहीं करना पड़े।उनकी समस्याओं को सुनते हैं. यह सब इसलिए किया जाता है, ताकि पुलिसकर्मियों की समस्याओं को हल किया जा सके और उनके तनाव को भी कम किया जा सके. इसके तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।

 

Share:

Next Post

Housing Board में एक अप्रैल से शुरू होगा Online Transfer

Mon Mar 28 , 2022
पूरे प्रदेश में हर साल 25 हजार के लगभग आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों का नामांतरण होता है भोपाल। प्रदेश में एक अप्रैल से हाउसिंग बोर्ड की संपत्ति के नामांतरण आनलाइन किए जाएंगे। जिस काम के लिए हितग्राहियों को कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे, अब वह काम घर बैठकर हो जाएगा। पूरे प्रदेश में हर […]