मंगलवार और सामान्य दिनों में भी नहीं नसीब होती व्हील चेयर, लिफ्ट चलाने में भी मनमानी
उपकरण बांटने का दिखावा…रेडक्रास निधि से लाखों की मदद, फिर भी…
इंदौर। रेडक्रास निधि से लाखों रुपए की मदद करने वाले कलेक्टर की नाक के नीचे ही दिव्यांग अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रहे हैं। जिला प्रशासन परिसर में अपनी परेशानियों का हल ढूंढऩे के लिए आने वाले दिव्यांग जमीन पर घिसटने को मजबूर हैं। सामान्य दिनों में भी व्हील चेयर नसीब नहीं हो रही।
कलेक्टर इलैया राजा टी की संवेदनशीलता और मानवीय पहल का शहर के रहवासी कसीदे पढ़ते नहीं थक रहे, लेकिन उनकी नाक के नीचे ही जिला प्रशासन परिसर में दिव्यांग न केवल अपमान सह रहे हैं, न केवल घिसटने को मजबूर हो रहे हैं, बल्कि तल मंजिल से ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने के लिए लिफ्ट भी नसीब नहीं हो रही है। प्रति मंगलवार होने वाली जनसुनवाई में उपकरण, आर्थिक सहायता, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, सिर पर आशियाना, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर दिव्यांग कलेक्टर के समक्ष पहुंच रहे हैं। आम दिनों में दिव्यांगों का तांता कलेक्टर के दरबार में लगा रहता है, लेकिन अपने ही परिसर में कलेक्टर दिव्यांगों को सुविधा मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। अग्निबाण प्रतिनिधि ने जब संबंधित विभाग की व्यवस्थाएं खंगाली तो पाया कि विभागीय कर्मचारियों की आपसी खींचतान के चलते टूटी फूट पड़ी व्हील चेयर का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं विभाग में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का जलवा ऐसा है कि उनके सामने अधिकारी भी शर्मा जाए। ज्ञात हो कि सामाजिक न्याय विभाग में लगभग पांच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व्यवस्थाओं के लिए लगाए गए हैं, लेकिन व्हील चेयर चलाने के लिए एक भी कर्मचारी नजर नहीं आता है।
अच्छा खासा बजट…
विभागीय कामों से लेकर दिव्यांगों को सुविधाएं मुहैया कराए जाने को लेकर सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन विभाग को सरकार की तरफ से न केवल उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं, बल्कि दिव्यांगों को पेंशन और अन्य सुविधाएं देने के लिए अच्छा खासा बजट भी दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ हाल ही के समय में परिसर को दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक बनाने की पहल भी की गई थी। जिसके लिए भी भारी मात्रा में खर्चा किया गया था। एलिम्को और जिले के खर्चे से व्हील चेयर और अन्य उपकरण दिव्यांगों को तो मुहैया करा दिए, लेकिन विभागों में कमी बनी हुई है।
सुविधाओं पर अफसरों की रौबदारी भरी
कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर दिखावे के लिए एक व्हील चेयर रखी गई है, लेकिन पिछले और दाहिने तरफ की पार्किंग से आने वाले दिव्यांगों व तलमंजिल की पार्किंग से आने वाले आवेदकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्य दरवाजे पर स्थित लिफ्ट तक पहुंचने के लिए दिव्यांग घसिटते नजर आते हैं। विभाग में तैनात चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों में रौबदारी और अफरशाही भरी हुई है। अधिकारी या कलेक्टर के उपस्थित रहने पर व्हील चेयर धकाते नजर आते हैं, लेकिन आम दिनों में दिव्यांग खुद ही विभागों तक पहुंच रहे हैं। ज्ञात हो कि कलेक्टर कार्यालय में आवेदकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए तीन लिफ्ट तैयार की गई है, लेकिन किसी भी कर्मचारी की तैनाती न होने के कारण सिर्फ एक ही लिफ्ट संचालित की जा रही है।
