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क्या IMF को नहीं रहा भारत पर भरोसा? खुद किया ये बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. वर्ल्ड बैंक से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तक के अनुमान बताते हैं कि भारत की ग्रोथ स्टोरी शानदार है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) क्यों इससे दूर भाग रहा है? क्या उसका भारत पर भरोसा डगमगा रहा है? ये हम नहीं कह रहे, बल्कि खुद आईएमएफ का एक बयान इस ओर संकेत दे रहा है, जो कई सवाल खड़े करता है. आखिर क्या है पूरा मामला…?

दरअसल, हाल में एक कार्यक्रम के दौरान आईएमएफ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि आने वाले सालों में 2047 तक भारत 8 प्रतिशत की दर से ग्रोथ कर सकता है. अब आईएमएफ ने इस बयान से किनारा कर लिया है.

भारत कैसे करेगा 8% की ग्रोथ?
इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने 28 मार्च को आईएमएफ के ही एक कार्यक्रम में कहा था, ”मूल विचार यह है कि पिछले 10 साल में भारत ने जिस तरह की आर्थिक वृद्धि दर्ज की है, अगर भारत इन अच्छी नीतियों को दोगुना कर देता है. सुधारों में तेजी लाता है तो इंडियन इकोनॉमी 2047 तक 8% की दर से बढ़ सकती है.

IMF ने किया किनारा
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के बयान को लेकर जब आईएमएफ से उसके ऑफिशियल स्टेटस के बारे में पूछा गया, तब उसने इस बयान से खुद को अलग कर लिया. आईएमएफ की प्रवक्ता जूली कोजैक ने गुरुवार को कहा कि के. सुब्रमण्यम का बयान आईएमएफ का आधिकारिक बयान नहीं है.


उन्होंने कहा कि के. सुब्रमण्यम आईएमएफ के कार्यक्रम में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर वहां थे, और उन्होंने जो भी बयान दिया, वह उसी संदर्भ में दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि आईएमएफ में एक एग्जीक्यूटिव बोर्ड है. इसमें कई एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स हैं, जो देश या कई देशों के समूह के प्रतिनिधि हैं. यह निश्चित तौर पर आईएमएफ के कर्मचारियों के काम से अलग है.

आने वाला है नया अनुमान
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने भारत की 8 प्रतिशत की ग्रोथ को लेकर जो बयान दिया है, वह असल में आईएमएफ के पिछले ग्रोथ एस्टिमेट्स से अलग है. वहीं ये वर्ल्ड बैंक और आरबीआई के हालिया अनुमानों से भी अलग है. वहीं आईएमएफ का कहना है कि वह अगले कुछ हफ्तों में ही दुनिया के इकोनॉमिक आउटलुक का नया संशोधन जारी करेगा. अभी जनवरी की आखिरी अपडेट के हिसाब से भारत की जीडीपी ग्रोथ मिड टर्म में 6.5 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है.

अगर वर्ल्ड बैंक की नई रिपोर्ट को देखें तो 2024-25 में भारत की ग्रोथ 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं आरबीआई ने अपनी मोनेटरी पॉलिसी में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

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