भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

लटक सकती है IPS की DPC

  • पहली बार दो साल की डीपीसी होनी है एक साथ

भोपाल। प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड होने में हर साल हो रही देरी के बीच इस साल इस देरी को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में संभवत: पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब दो साल की वेकेंसी के विपरित एसपीएस अफसरों को आईपीएस अवार्ड करने के लिए एक साथ ही डीपीसी होगी। पुलिस मुख्यालय के अफसर इसी प्रयास में लगे हुए हैं कि इस साल डीपीसी 27 फरवरी को ही हो जाए। लेकिन इसी दिन विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। इस कारण संभावना जताई जा रही है की डीपीसी की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है। गौरतलब है कि दो साल की डीपीसी एक साथ कराने की केंद्र से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया है। लेकिन डीपीसी की तिथि को लेकर अभी असमंजस है। एसपीएस से आईपीएस बनाने के लिए पहले डीपीसी 27 फरवरी को होना थी, लेकिन उसी दिन मप्र विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। अभिभाषण के समय विधानसभा की अधिकारी दीर्घा में मुख्यसचिव व डीजीपी उपस्थित रहते हैं। इस कारण डीपीसी की तिथि आगे पीछे हो सकती है।

16 पदों के लिए डीपीसी
यह डीपीसी एक जनवरी 2021 की स्थिति में होना थी। इसके लिए आईपीएस के दस पद रिक्त थे। 10 पदों के लिए एसपीएस के 30 अधिकारियों का पैनल तैयार किया गया है। अब एक जनवरी 2022 की स्थिति में रिक्त होने वाले पदों के लिए भी डीपीसी एक साथ की जाएगी। इसके लिए छह पद रिक्त हैं। दोनों को मिलाकर 16 पदों के लिए डीपीसी जल्दी होने जा रही है। इसके लिए 2021 की स्थिति में एसपीएस के दस अधिकारियों का चयन हो जाएगा। इसके बाद भी सूची में 20 नाम बचेंगे। मतलब यह की उसी सूची से छह अधिकारियों का चयन हो सकता है। इसके लिए अतिरिक्त नामों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका फायदा एसपीएस कैडर के 1996 और 1997 बैच के अफसरों को मिलेगा।


कॉडर रिव्यू का इस बैच को मिलेगा फायदा
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के लिए आईपीएस अवार्ड होने में वर्ष 1997 बैच के अफसरों को फायदा मिलेगा। आईपीएस का कॉडर रिव्यू जून 2022 में हुआ था,जिसमें पांच पद एसपीएस अफसरों को आईपीएस बनाने के लिए दिए गए हैं। राज्य पुलिस सेवा से आईपीसी अफसर होकर रिटायर होने वालों अफसरों की 2022 में सख्या महज 5 थी, इसके चलते पांच वैकेंसी हैं। जबकि पांच पद कॉडर रिव्यू में इनके बढ़े हैं। ऐसे में पांच वैकेंसी के पद और पांच कॉडर रिव्यू में मिले पदों के कारण इस बार दस अफसरों को आईपीएस अवार्ड होगा। डीपीसी के लिए तीस अफसरों के नाम भेजे जाएंगे। जिसमें में बेहतर रिकॉर्ड वाले शुरू के दस अफसरों को आईपीएस अवार्ड होगा।

दो अफसरों पर अडंगा
जो दस आईपीएस अफसर बनेंगे वे वर्ष 1997 बैच के ही होंगे। इसमें शुरू के दस अफसरों में दो अफसरों को नाम डीपीसी में बाहर हो सकता। इसमें एक अफसर की जांच चल रही है,जबकि दूसरे अफसर की उम्र 60 साल हो चुकी है। साठ की उम्र वाले अफसर को आईपीएस अवार्ड नहीं होगा,जबकि जिन अफसर की जांच चल रही है, उन्हें डीपीसी से पहले क्लीन चिट मिलना मुश्किल हैं। इसलिए दोनों अफसर आईपीएस नहीं हो सकेंगे।

ये अफसर बन सकते हैं आईपीएस
सूत्रों के अनुसार राजेश व्यास, पदम विलोचन शुक्ला, सुधीर कुमार अग्रवाल, पंकज कुमार पांडे, अजय पांडे, डॉ. संजय कुमार अग्रवाल, दिलीप सिंह सोनी, सीताराम सासात्य, अवधेश प्रताप सिंह बागरी और राजेंद्र कुमार वर्मा आईपीएस हो सकते हैं। जबकि वर्ष 2021 की वैकेंसी के आधार पर होने वाली 27 फरवरी को डीपीसी में प्रकाश परिहार, विनोद कुमार सिंह, मनीष खत्री, राजेश कुमार त्रिपाठी, सुनील कुमार मेहता, वीरेंद्र जैन, देवेंद्र कुमार पाटीदार, राय सिंह नरवरिया, राजशरण प्रजापति और सुंदर सिंह कनेश आईपीएस हो सकते हैं।

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