भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

हमीदिया के बेलगाम पैरामेडिकल स्टाफ पर डॉ मरावी ने कस रखी है लगाम

  • नर्सों की शिकायत पर जांच पड़ताल जारी
  • मरीजों से पूछताछ में मरावी को बताया बेहतर डॉक्टर
  • कार्यप्रणाली को देखकर शासन-प्रशासन मरावी के साथ

भोपाल। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों का ढर्रा किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज के हमीदिया अस्तपाल में नर्सों की शिकायत पर अस्तपाल के अधीक्षक डॉ दीपक के खिलाफ छेड़छाड़ से लेकर अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। नर्सों की शिकायतों पर जांच पड़ताल की जा रही है। ऐेसे में अस्पताल के मरीजों से भी डॉ मरावी की कार्यप्रणाली के बारे में जाना गया। ज्यादातर मरीज मरावी के पक्ष में है। ऐसे में यह तथ्य भी सामने आया है कि हमीदिया ें डॉ मरावी पहले अधीक्षक हैं जिन्होंने नर्सों समेत अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की मनमानी पर लगाम कसी है। डॉ मरावा के खिलाफ जो शिकायतें आई हैं, उसे उनकी द्वारा पैरामेडिकल स्टाफ की मनमानी पर बरती जा रही सख्ती से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि 3 साल पहले डॉ मरावी पर हमीदिया अधीक्षक रहते नर्सों ने इसी तरह के आरोप लगाए थे। तब आरेापों के चलते डॉ मरावी को हटा दिया गया था, लेकिन तब एक भी शिकायत के आरोप सही साबित नहीं हुए थे। डॉ मरावी के पिछले रिकॉर्ड, पैरामेडिकल स्टाफ पर सख्ती, मरीजों के पक्ष को देखते हुए फिलहाल शासन-प्रशासन डॉ मरावी पर बड़ी कार्रवाई के पक्ष में नहीं है। सरकारी सूत्र बताते हैं कि यदि डॉ मरावी को हटाया जाता है तो फिर कोई भी साफ छवि और ईमानदार डॉक्टर हमीदिया का अधीक्षक बनने को तैयार नहीं होगा।


सिर्फ मरीजों के लिए समर्पित हैं डॉ मरावी
डॉ मरावी के व्यवहार केा लेकर भी लोगों केा आपत्ति है। सरकारी सूत्र बताते हैं कि डॉ मरावी किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं। साथ ही मरीजों के अलावा अन्य किसी से उनका व्यवहार उतना ठीक नहीं है जितना होना चाहिए। वे मरीजों के प्रति इनते समर्पित हैं कि पैरामेडिकल स्टाफ की कार्यप्रणाली को देखने के लिए आधी रात को ही अस्पताल में राउंड पर पहुंच जाते हैं। इसकी वजह से अन्य डॉक्टर, नर्स एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ बेहद तंग है। हाजिरी को लेकर भी सख्ती की गई है। इससे पहले इतनी सख्ती नहीं की गई थी।

ज्यादातर नर्सों का शिकायत से कोई लेना-देना नहीं
हमीदिया अस्पताल की ज्यादातर नर्सोंं का डॉ मरावी के विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। तब भी उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए कहा जा रहा है, जिसके चलते स्वजनों के मन में कई तरह की आशंकाएं हैं। उनके स्वजन कह रहे हैं कि जब आपने शिकायत ही नहीं की तो बयान देने की क्या जरूरत है और आपके पास फोन क्यों आ रहे हैं। यही हाल कई अन्य नर्सों का है। कुछ नर्सों ने बताया कि कुछ माह पूर्व ज्वाइन करने वाली 150 से अधिक नर्सों ने वाट्सएप नंबर बंद कर लिए हैं, 13 नर्से घरेलू काम व तबियत खराब होने का कहकर अस्पताल नहीं आ रही है।

डॉ मरावी को हटाने का बन रहा दबाव
जांच अधिकारी एवं मंत्रालय के अफसरों का मानना है कि हमीदिया में सारा विवाद डॉ मरावी के अधीक्षक पद से हटाने को लेकर है। डॉ मरावी के हटते ही सारा विवाद खत्म हो जाएगा। लेकिन इससे गलत परंपरा शुरू हो जाएगी। भविष्य में यदि हमीदिया के सिस्टम को सुधारने की जब भी कोशिश होगी, तो फिर इस तरह की स्थिति फिर बनेगी। यदि इसी आधार पर अधीक्षक को बदला गया तो फिर अस्पताल को कोई भी बेहतर अधीक्षक नहीं मिलेगा।

Share:

Next Post

मानसून में मुसीबत बन सकते हैं जर्जर मकान

Sun Jun 19 , 2022
राजधानी में एक हजार से अधिक मकान जर्जर स्थिति में भोपाल। नगर पालिक निगम अधिनियम 1954 की धारा 310 के तहत पुराने भवनों को अति जर्जर और भयप्रद घोषित किया जाता है। नगर निगम की जिम्मेदारी होती है कि ऐसे मकानों को खाली करवाकर यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जाए। […]