ग्वालियर। आसपास के जिलों में कहीं तेज तो कहीं मध्यम बारिश (moderate rain) का सिलसिला जारी है, लेकिन ग्वालियर में मानसून की स्थिति प्रतिकूल (unfavorable monsoon conditions) बनी हुई है। यहां काली घटाएं तो हैं, लेकिन बारिश के नाम पर बादल कभी बूंदाबांदी तो कभी रिमझिम अंदाज में और वह भी अल्प समय ही बरस रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को भी आधे शहर में रिमझिम बारिश (drizzling rain) हुई तो आधे शहर में एक बूंद भी नहीं गिरी।
ग्वालियर के गगन में पिछले दिनों की तरह शुक्रवार को भी घने बादल छाए रहे। जिससे सूरज को चमकने का मौका कम ही मिला। दोपहर 12 बजे के आसपास लश्कर सहित चुनिंदा क्षेत्रों में लगभग पांच मिनट तक रिमझिम बारिश हुई। इसके बाद शाम सवा छह बजे के आसपास भी लगभग दस मिनट तक बादल रिमझिम अंदाज में बरसे। इस दौरान उप नगर मुरार सहित अन्य क्षेत्रों में सूखा पड़ा रहा।
स्थानीय मौसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय के अनुसार वर्तमान में ग्वालियर के आसपास मौसम को प्रभावित करने वाली कोई भी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। हालांकि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र सक्रिय हैं जबकि मानसून की अक्षीय रेखा बिहार से होकर गुजर रही है। इन मौसम प्रणालियों से ग्वालियर तक पर्याप्त नमी नहीं पहुंच रही है।
उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में नई मौसम प्रणाली विकसित होने से आगामी तीन अगस्त से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा और अंचल भर में अच्छी बारिश होगी। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 31.5 और न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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