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Earthquake: चीन में आया 7.3 तीव्रता का भूकंप, तजाकिस्तान-अफगानिस्तान में भी कांपी धरती

बीजिंग (Beijing)। सीरिया और तुर्किए (Syria and Turkey) में आए भूकंप की त्रासदी (earthquake disaster) के बीच आज सुबह चीन और ताजिकिस्तान (Tajikistan and china China Earthquake) सीमा पर 7.3 मैग्निट्यूड तीव्रता (7.3 magnitude earthquake) के झटके महसूस किए गए. चीन में गुरुवार (23 फरवरी) को लगभग 8:37 बजे झिंजियांग में 7.3 तीव्रता के भूकंप और पूर्वी ताजिकिस्तान में 6.8 तीव्रता के झटकों को महसूस किया।

चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) ने उइगर स्वायत्त क्षेत्र में भूकंप की पुष्टि की तो यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने ताजिकिस्तान में आए इन झटकों की जानकारी दी। इतनी अधिक तीव्रता के भूकंप से अभी वहां की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी का इंतजार है।


ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 265 किमी दूर ताजिकिस्तान में था। यहां 18 मिनट के अंदर दो बार धरती कांपी। पहली बार इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.6 मापी गई, जबकि दूसरी बार भूकंप की तीव्रता पांच के ऊपर मापी गई। भूकंप सुबह छह बजकर सात मिनट और छह बजकर 25 मिनट पर आया। पहले झटके का केंद्र जमीन से 113 किलोमीटर और दूसरे का 150 किलोमीटर गहराई में था। इसके अलावा ताजिकिस्तान में मुर्गोब से 67 किमी पश्चिम में भी 6.8 तीव्रता का भूकंप आया।

यूएसजीएस का क्या कहना है?
यूएसजीएस के अनुमान के मुताबिक ताजिकिस्तान में जहां भूकंप आया है वह इलाका विशाल पामीर पर्वत चोटियों से घिरा है. ऐसे में वहां भूस्खलन भी हो सकता है लेकिन इससे जान-माल का नुकसान नहीं होना चाहिए क्योंकि इस इलाके में आबादी बहुत कम से नहीं के बराबर है. हालांकि अभी तक चीन की स्थिति के बारे में कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिल सकी है।

तुर्किए सीरिया भूकंप में कितने लोगों की मौत हुई थी?
बीते हफ्तों में 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप और उसके बाद के झटकों से तुर्किए में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 41,020 हो गई. वहीं सीरिया में आए इस हादसे में कुल 5800 लोगों की मौत हुई. यानी इस क्षेत्र में इस आपदा से लगभग 46820 लोगों की असमय मौत हो गई. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में डेथ टोल बढ़कर 50,000 से अधिक जा सकता है क्योंकि इन आंकड़ों में गंभीर रूप से घायल लोगों का कोई जिक्र नहीं है।

21 फरवरी को तुर्किये में गई थी छह जानें
इससे पहले 21 फरवरी को तुर्किये में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने बताया कि तुर्किये-सीरिया सीमा क्षेत्र में दो किमी (1.2 मील) की गहराई में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। तुर्किये के दक्षिणी हताय प्रांत में सोमवार को दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र अंताक्या शहर था। तुर्किये के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू (Suleyman Soylu) ने बताया कि ताजा भूकंप में छह लोगों की मौत हुई है और 294 घायल हुए हैं।

छह फरवरी को भूकंप ने मचाई थी तबाही
तुर्किये और पड़ोसी सीरिया में छह फरवरी को भूकंप के शक्तिशाली झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। इसके एक-दो दिन बाद भी कई बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या 41,000 से ज्यादा हो गई है।

भारत ने चलाया था ‘ऑपरेशन दोस्त’
भारत ने तुर्किये-सीरिया की मदद के लिए बचाव दल भेजा था। दल बचाव अभियान पूरा कर वापस लौटी चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को उनसे मुलाकात भी की और बातचीत की। भारत ने तुर्किये और सीरिया में मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया था।

जानें क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है।

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