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Earthquake: सोमवार को दुनियाभर में दर्ज हुए 78 भूकंप, इनमें 46 सीरिया में आए

अंकारा/अलेप्पो (Ankara/Aleppo)। मध्य-पूर्व के चार देश (four countries middle east) तुर्किये (Turkey), सीरिया (Syria), लेबनान (Lebanon) और इजराइल (Israel) सोमवार सुबह भूकंप (Earthquake) से हिल गए। सबसे ज्यादा तबाही तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया में देखी जा रही है। तुर्किये में 12 घंटे में सात की तीव्रता से ज्यादा के दो भूंकप आए। बड़ी इमारतें जमींदोज हो गईं। मलबे में दबे लोग जान बचाने के लिए चीखते रहे। बार-बार आ रहे झटकों के कारण राहत-बचाव कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पहला भूकंप 7.8 तीव्रता का था
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक 7.8 तीव्रता वाले पहले भूकंप का केंद्र तुर्किये के कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किमी दूर और जमीन से करीब 24 किमी नीचे था। स्थानीय समय के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 4:17 बजे आया। 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट बाद आया, जिसका केंद्र जमीन से 9.9 किमी नीचे था। इसके बाद शाम 1.24 बजे 7.5 तीव्रता का तीसरा भूकंप आया।


वहीं सीरिया में स्थानीय समयानुसार सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक 50 से ज्यादा भूकंप आए। इनमें चार की तीव्रता 6 से ज्यादा थी। जबकि, 10 भूकंप 5 से 6 के बीच की तीव्रता के दर्ज किए गए।

पूरी दुनिया में सोमवार को शाम सात बजे तक 78 भूकंप दर्ज किए गए, जिनमें से 46 सीरिया में आए। तुर्किये और सीरिया में कई बड़ी इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं। यहां भूकंप के बाद देर रात तक बचाव कार्य जारी रहे। इस दौरान मलबे के नीचे से कई जगह चीख-पुकार की आवाजें आती रहीं। एक यूट्यूबर ने मलबे के नीचे से अपना वीडियो भेजकर जान बचाने की गुहार लगाई।

नीदरलैंड के शोधकर्ता ने की थी भविष्यवाणी
नई दिल्ली। नीदरलैंड के शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने 3 फरवरी को ही कहा था कि तुर्किये, जॉर्डन, सीरिया या लेबनान में 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा। सोमवार को जब तुर्किये और सीरिया समेत पांच देशों में विनाशकारी भूकंप आया तो फ्रैंक का दावा वायरल हो गया। इसके साथ यह भी सवाल सामने आया है कि क्या भूकंप की भविष्यवाणी की जा सकती है।

सीरिया : ट्रेन सेवाएं रद्द, 40 सेकंड तक महसूस हुए झटके
सीरिया के दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। यहां के कई इलाकों में लोगों ने बताया कि करीब 40 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। क्षेत्र में सर्वाधिक बुरा हाल शरणार्थी शिविरों में देखा गया जहां देशभर में आतंक से जूझ रहे पीड़ित पहले ही कई प्राकृतिक दिक्कतों से दो-चार हो रहे हैं।

आठ दशक की सबसे बड़ी आपदा
हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाने की है। हालात को देखते हुए साफ है कि देश 1939 के बाद सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है। लेकिन, पूरा भरोसा है कि तुर्की के 8.50 करोड़ लोग मिलकर इस संकट से निपटेंगे। -तैयब रजब एर्दोआन, राष्ट्रपति, तुर्किये

लेवल-4 का अलर्ट किया गया जारी
तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी एएफएडी ने लेवल-4 का अलर्ट जारी करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत सामग्री व राहतकर्मी भेजने की अपील की है।

विस्थापितों पर गहराया नया संकट
सीरिया लंबे समय से गृहयुद्ध की चपेट में है। सर्द मौसम और बारिश-बर्फबारी के बीच पहले ही नागरिक कई परेशानियों में फंसे थे जबकि भूकंप के बाद हालात और भी खराब हो गए। यहां कई केंद्रों में देश के अन्य हिस्सों से विस्थापित करीब 40 लाख लोग बदहाली में रह रहे हैं। व्हाइट हेल्मेट्स नामक विपक्षी आपातकालीन संगठन ने कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में फंसे हुए हैं। उधर, तुर्किये में भी इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप ऐसे समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है।

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