इंदौर न्यूज़ (Indore News)

बारिश से बिजली कंपनी को 2 करोड़ से ज्यादा की चपत

  • शिप्रा, नर्मदा, चंबल के किनारे ट्रांसफार्मर पानी में डूबे

इन्दौर (Indore)। अतिवृष्टि में लगातार बारिश के चलते नदी-नाले और निचले क्षेत्रों में बिजली उपकरणों को काफी हद तक क्षति हुई है। बिजली कंपनी में उपकरणों की मरम्मत कार्य एक सप्ताह बाद भी जारी है। शुरुआती अनुमान में कंपनी को बारिश के दौरान तार, खंभे और ट्रांसफार्मर के पानी में डूबने या गिरने से 2 करोड़ से ज्यादा की क्षति का दावा किया जा रहा है।

नर्मदा, शिप्रा, चंबल जैसी बड़ी नदियों के साथ ही देपालपुर की गंभीर और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-बड़े नदी- नालों के आसपास बिजली के ट्रांसफार्मरों से बारिश का पानी ऊपर निकल गया था। कई जगह ट्रांसफार्मर और खंभे धराशायी भी हो गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं दो दिन तक बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। इस दौरान काफी हद तक लोग परेशान रहे, वहीं बिजली अधिकारियों का दावा है कि दूसरे फीडरों से बिजली की आपूर्ति की गई। हालांकि सभी जगह ऐसी स्थिति मुमकिन नहीं रही। अत्यधिक वर्षा से बिजली कंपनी को भी नुकसान हुआ है। कई जगह बिजली वितरण व्यवस्था बाधित हुई है।


प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इंदौर जिले में पानी में डूबने से 140 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। धार, खरगोन जिले में करीब 250 एवं उज्जैन, रतलाम जिले में शिप्रा, चंबल का पानी ट्रांसफार्मरों के पार निकलने से बिजली वितरण व्यवस्था पर असर हुआ। प्रत्येक ट्रांसफार्मर में हजारों रुपए का नुकसान हुआ है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी को करीब दो करोड़ का नुकसान ट्रांसफार्मरों के डूबने के कारण हुआ है। मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी को प्रत्येक जिले में नुकसान हुआ है। करीब 500 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। अभी जानकारी संकलित करने का कार्य जारी है। अभी कंपनी क्षेत्र से शत-प्रतिशत ग्रिडों से बिजली वितरण निर्बाध जारी रहने का दावा किया जा रहा है, वहीं बारिश के एक सप्ताह बाद भी खंभों व ट्रांसफार्मरों की मरम्मत का काम जारी है। धार, रतलाम, खरगोन जिले में कुछ स्थानों पर ट्रांसफार्मर के जलमग्न होने से यहां क्षति का अनुमान पूरी तरह निकल नहीं जा सका।

Share:

Next Post

अब ‘बिकिनी’ लॉन्च करके नया इतिहास रचेगा इसरो, जानिए क्या है पूरा प्लान

Sun Sep 24 , 2023
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले साल बिकिनी स्पेसक्रॉफ्ट लॉन्च करेगा. इस स्पेसक्राफ्ट का वजन 40 किलो है. यह स्पेसक्राफ्ट बड़े रीयूजेबल री-एंट्री मॉड्यूल निक्स का छोटा रूप है. यूरोपियन स्टार्टअप द एक्सप्लोरेशन कंपनी के इस री-एंट्री व्हीकल को खास मकसद से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसे 120 से 140 किलोमीटर की ऊंचाई […]