भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर फिर आंदोलन करेंगे कर्मचारी

  • 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में आंदोलन; उपवास करेंगे कर्मचारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा एक बार फिर उठेगा। साथ में प्रमोशन, परमानेंट, डीए के एरियर्स और मेडिकल इंश्योरेंस की मांग भी प्रदेश के कर्मचारियों ने की है। अब तक तो शासकीय कर्मचारी लंबित मांगों को मनवाने के लिए सड़कों पर रैली निकालते थे, पंडाल में बैठकर नारेबाजी करते थे। अब महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठकर उपवास करेंगे। इसकी शुरूआत मप्र में दो अक्टूबर से होने जा रही है। इस दिन से अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रत्येक जिलों में उपवास रखा जाएगा। कर्मचारी गांधी की प्रतिमा के समक्ष एकत्र होकर लंबित मांगों को लेकर चर्चा करेंगे। भजन गाएंगे और अधकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे।
अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक भुवनेश कुमार पटेल ने बताया कि सरकार विरोध प्रदर्शन को कुचलने की कोशिशें करती रही है इसलिए विरोध प्रदर्शन करने का यह तरीका निकालना पड़ा है। उन्होंने हाल ही में हुए शिक्षकों के प्रदर्शन को रोकने की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा है कि प्रत्येक कर्मचारी संवर्ग की मांगें लंबित है। किसी को अनुकंपा नियुक्ति पाने में मशक्कत करनी पड़ रही है तो किसी को रिटायरमेंट के बाद लाभ नहीं मिल रहे हैं। नई पेंशन योजना सिर दर्द बन गई है, इसमें कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद कुछ भी नहीं मिल रहा है। लिपिक संवर्ग वेतनमान व समयमान वेतनमान को लेकर पहले से ही जूझ रहे हैं। संविदाकर्मियों को विरोध प्रदर्शन करते हुए वर्षेां को चुके हैं, उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। दैवेभो और स्थायी कर्मियों से काम सभी लिए जा रहे हैं लेकिन उनके हितों की चिंता बिल्कुल भी नहीं है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदनाम तक नहीं बदले जा रहे हैं। ऐसी मांगों को लेकर कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करते हैं तो उनके खिलाफ ताकत दिखाई जाती है, उन्हें बलपूर्वक खदेड़ा जा रहा है, यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया है कि गांधीवादी तरीके से विरोध दर्ज कराएंगे। यह बैठक शासकीय वाहन चालक संघ के यांत्रिकीय भवन में हुई है। जिसमें प्रदेश भर से कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में आगामी दो वर्षों के लिए जितेंद्र सिंह को मोर्चा के अध्यक्ष बने रहने के लिए अधिकृत किया है।


कर्मचारियों की यह मांगें भी
दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाईकर्मी, कर्मचारियों को विभागों में रिक्त विभिन्न पदों के विरुद्ध नियमितीकरण कर शेष पदों पर सीधी भर्ती किया जाए एवं कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जाए। नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक ( शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक, गुरु) के पद पर नियुक्ति के दिनांक से करते हुए वरिष्ठता दी जाए। लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिया जाए एवं सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान का लाभ पदोन्नत वेतनमान के अनुसार दिया जाए। समयमान वेतनमान के आदेश के उपरांत सहायक शिक्षक/ शिक्षक एवं हेड मास्टर को वरिष्ठा और योग्यता के आधार पर पदोन्नति/ पदनाम दिया जाए। ग्रेड पे में सुधार किया जाए एवं 300 अर्जित अवकाश दिवस का नकदीकरण के आदेश किया जाए। अधिकारी-कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस का लाभ भी मिलें। प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति जल्द दी जाए। गृह भाड़ा भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिया जाए। अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर्स की राशि का तत्काल भुगतान किया जाए। पंचायत सचिव एवं स्थाईकर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। वन विभाग के कर्मचारियों को बिना जांच के अपराध प्रकरण में गिरफ्तार नहीं की जाए। वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जाए एवं पदनाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णता प्रतिबंध लगाया जाए। प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए।

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