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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सर्च ऑपरेशन के बाद एनकाउंटर, कई आतंकियों के छिपे होने की आशंका

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में छिपे हुए आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सुरक्षा बलों ने बुधवार (13 सितंबर) को अपना घेरा और तलाशी अभियान तेज कर दिया, जिसके बाद ताजा मुठभेड़ शुरू हो गई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुदूर नारला गांव में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में एक संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया था. गोलीबारी में सेना का एक जवान और सेना की श्वान इकाई की छह साल की मादा लैब्राडोर केंट भी शहीद हो गई थी, जबकि तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जम्मू जोन) मुकेश सिंह ने कहा कि बुधवार को जब सुरक्षा बलों का आतंकवादियों से आमना सामना हुआ तो ताजा मुठभेड़ शुरू हो गई. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी जारी है और विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है. अधिकारियों ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद सुरक्षा बलों ने राजौरी शहर से 75 किलोमीटर दूर इलाके के चारों ओर पूरी रात मजबूत घेराबंदी की और सुबह आस-पास के इलाकों में तलाशी बढ़ा दी.


रुक-रुक कर होती रही गोलीबारी- अधिकारी
मुकेश सिंह ने बताया कि रात में रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने सोमवार को वन क्षेत्र पतराडा इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया और दो लोगों की संदिग्ध गतिविधि को देखने के बाद कुछ राउंड गोलीबारी की. दोनों संदिग्ध अंधेरे और घने जंगल की आड़ में भागने में सफल रहे. वे अपने पीछे एक बैग, कुछ कपड़े और अन्य सामान छोड़ गए जिन्हें खोजी दलों ने बरामद कर लिया.

गोलीबारी मेंएक श्वान भी शहीद
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार की गोलीबारी के दौरान अपने हैंडलर (मालिक) को बचाने के दौरान सेना की एक बहादुर श्वान शहीद हो गई. प्रवक्ता ने कहा, ‘सेना की श्वान केंट अभियान सुजलीगाला में सबसे आगे थी. वह भाग रहे आतंकवादियों की निशानदेही के लिए सैनिकों के एक दल का नेतृत्व कर रही थी. वह भारी गोलीबारी में घिर गई. उसने भारतीय सेना की सर्वोत्तम परंपराओं को निभाया और अपने हैंडलर की रक्षा करते हुए अपनी शहादत दी.’

4 सितंबर को मारा गया था एक आतंकी
रियासी जिले के चसाना इलाके के पास के गली सोहाब गांव में चार सितंबर को एक आतंकवादी मारा गया था और दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे. राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में इस साल हुई मुठभेड़ में लगभग 26 आतंकवादी मारे गए और 10 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए. अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर आतंकवादी सीमा पार से इस ओर घुसने का प्रयास करते समय मारे गए.

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