अदीस अबाबा। इथियोपिया (Ethiopia) की सत्तारूढ़ प्रोस्पेरिटी पार्टी( prosperity party) ने पिछले महीने संपन्न राष्ट्रीय चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। इसी के साथ प्रधानमंत्री अबी अहमद (Prime Minister Abiy Ahmed) के लिए दूसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया।
इथियोपियन चुनाव बोर्ड (Ethiopian election board) ने शनिवार रात घोषणा की कि प्रधानमंत्री अबी अहमद( Prime Minister Abiy Ahmed) की पार्टी ने 436 सीटों में से 410 सीटों के साथ संसदीय चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज की है। इस चुनाव को प्रधानमंत्री अबी के लिए चुनौती माना जा रहा था। क्योंकि, अबी अप्रैल 2018 में व्यापक विरोध के बीच पूर्व प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने के बाद सत्ता में आए थे।
बता दें कि अबी अहमद इथियोपिया ने 2018 में प्रधानमंत्री बनने के बाद बड़े पैमाने पर उदारीकरण की शुरुआत की थी। उन्होंने हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कराया और निर्वासित असंतुष्टों को देश में वापस लौटने की इजाजत दी। इतना ही नहीं पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ दो दशक से भी अधिक समय से चले आ रहे संघर्ष को खत्म करते हुए उसके साथ शांति स्थापित की।
2019 में अबी अहमद को मिला था नोबेल शांति पुरस्कार
इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को 2019 में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए दिया गया। सितंबर 2018 में अबी ने इरिट्रिया और जिबूती के बीच कई सालों से चली आ रही राजनीतिक शत्रुता तो खत्म कर कूटनीतिक रिश्तों को सामान्य बनाने में मदद की। इसके अलावा अबी ने केन्या और सोमालिया में समुद्री इलाके को लेकर चले आ रहे संघर्ष को खत्म करने में मध्यस्थता की।
इथियोपिया के मंडेला
45 साल के अबी अहमद को इथोपिया का ‘नेल्सन मंडेला’ भी कहा जाता है। 2019 में नोबेल समिति ने अबी अहमद के नाम की घोषणा करते हुए कहा था कि ‘अबी को पड़ोसी इरिट्रिया के साथ सीमा विवाद को खत्म करने को लेकर उनके निर्णायक पहलों के लिए” सम्मानित किया गया है।’
नोबेल समिति ने कहा, ‘शांति केवल एक ही पार्टी के प्रयास से नहीं स्थापित होती। जब प्रधानमंत्री अबी ने अपना हाथ बढ़ाया तो राष्ट्रपति अफवर्की ने इसे दोनों हाथों से थाम लिया और इस तरह दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया की शुरुआत हुई। नॉर्वे की नोबेल समिति यह उम्मीद करती है कि इस शांति समझौते से इथियोपिया और इरिट्रिया की पूरी आबादी के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।’