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कोविड के मामलों में वृद्धि होने से फेस मास्‍क हुआ अनिवार्य, जाने कौन मास्‍क है बेहतर

नई दिल्‍ली । कोरोना (corona) के केस दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को 2,067 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही दैनिक कोविड -19 मामलों (covid-19 cases) में 66 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई. इसके साथ ही इंडिया में एक्टिव केसों की संख्या 12,340 हो गई है. कोविड के मामलों में वृद्धि ने एक बार फिर फेस मास्क (face mask) पहनने की आवश्यकता और महत्व को बढ़ा दिया है. देश के कुछ राज्यों में मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया है.

वहीं हरियाणा और उत्तर प्रदेश में के भी कुछ जिलों में मास्क को अनिवार्य किया है. दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया है और उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही है. कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के देखते हुए लोगों ने फिर से मास्क लगाना तो शुरू कर दिया है लेकिन मार्केट में मास्क की इतनी वैरायटी हैं कि वे कन्फ्यूज हो रहे हैं कि कोरोना से बचने के लिए अभी कौन सा मास्क पहनें? या कौन सा मास्क कोरोनावायरस से बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकता है? तो आइए जानते हैं कि कौन सा मास्क पहनने से बेहतर सुरक्षा मिलेगी?


क्यों जरूरी है मास्क पहनना?
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज के मुताबिक, मास्क और फेस कवर करने से कोविड -19 के खतरे को रोका जा सकता है. जो लोग मास्क पहनने हैं उन्हें भी कोरोना से बेहतर सुरक्षा मिलती है. कोरोना से संक्रमित कई मरीज इस बात से पूरी तरह अनजान हैं कि वे संक्रमित हो चुके हैं. यह अनुमान लगाया गया है कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों 40 प्रतिशत लोगों में लक्षण नजर नहीं आते लेकिन वे वायरस को दूसरों में फैला सकते हैं. इसलिए मास्क पहनना हर किसी की एक सामाजिक जिम्मेदारी हो जाता है.

डॉ. बजाज ने आगे कहा, नए संक्रमण और इसके फैलने से रोकने के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए क्योंकि सावधानी से ही इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है. इसलिए सतर्क रहें, मास्क पहनें, सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.

कैसा मास्क पहनें?
डॉ. जिभकाटे के मुताबिक, N 95 मास्क कोरोना से बचने के लिए सबसे अच्छी सुरक्षा प्रदान करता है. अगर आपके पास N 95 मास्क नहीं है तो डबल मास्किंग भी मदद कर सकती है.न सिर्फ महिला-पुरुष, बल्कि छोटे बच्चों को भी मास्क पहनाएं या फिर मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें. बच्चों को बीमार लोगों से अलग रखें. और अगर किसी में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसे बुजुर्ग और बच्चों से दूर रखते हुए घर में भी अच्छी फिटिंग का मास्क पहनना जरूरी है.

जैन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल चेंबूर के कंसल्टिंग फिजिशियन, इंटेंसिविस्ट और इंफेक्शन डिजीज स्पेशलिस्ट डॉ. विक्रांत शाह के मुताबिक, कोरोना से बचने के लिए ऐसे मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए, जो सांस को रोके बिना मुंह, नाक और ठुड्डी को अच्छी तरह से कवर करे. आपके लिए सबसे अच्छा मास्क कौन सा है और किस मास्क की फिटिंग सबसे अच्छी है, इस बारे में जानने के लिए किसी एक्सपर्ट की भी सलाह ली जा सकती है. मास्क पहनने से पहले और हटाने के बाद अपने हाथ जरूर साफ करें. हाथों को धोने के लिए साबुन, हैंडवॉश या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.

मास्क के प्रकार (Type of masks)
आमतौर पर दुनिया भर में 3 तरह के मास्क का सबसे अधिक प्रयोग हो रहा है. N-95 मास्क (N-95 masks), सर्जिकल मास्क (Surgical masks) और कपड़ों से बने मास्क (Cloth masks). एक्सपर्ट के मुताबिक, हर मास्क किसी न किसी तरह के कपड़े से ही बना होता है, लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं कपड़े का मटेरियल क्या है मतलब मास्क किस मटेरियल के कपड़े से बना हुआ है? तो आइए मास्क के प्रकारों को डिटेल में भी समझ लीजिए.

कपड़े का मास्क (Cloth masks)
पिछले साल जब दुनिया भर में N95 मास्क की कमी थी तो एक्सपर्ट ने कपड़े का मास्क लगाने की सलाह दी थी. इसलिए देश भर के लोगों ने घरों में भी कपड़ों के मास्क बनाकर उन्हें पहनना शुरू कर दिया था ताकि वायरस सीधे नाक-मुंह के संपर्क में न सके और वायरस की चपेट में आने से बच जाएं. मार्केट में कितने तरह के मास्क आते हैं, यह भी जान लीजिए.

सर्जिकल मास्क (Surgical masks)
सर्जिकल मास्क का उपयोग कुछ समय पहले तक डॉक्टर्स ऑपरेशन या ट्रीटमेंट करते समय करते थे, लेकिन कोरोना महामारी में एक्सपर्ट ने सर्जिकल मास्क का उपयोग करने की भी सलाह दी थी. यह कपड़े के मास्क से कुछ हद तक बेहतर होते हैं, लेकिन ये भी अधिक सुरक्षा प्रदान नहीं करते.

फिल्टरिंग फेसपीस मास्क (Filtering facepiece masks)
फिल्टरिंग फेसपीस मास्क आमतौर पर सेल्युलोज या प्लास्टिक (Cellulose or plastic) जैसी सख्त सामग्री से बने होते हैं और इनमें हाई क्वालिटी वाली फिल्टरिंग लेयर होती हैं, जो कि विभिन्न वायरस को अंदर जाने से रोकती हैं. लेकिन ये भी कई प्रकार के होते हैं. जैसे

FFP1 : ये धूल जैसे मोटे कणों को रोकने में सक्षम होते हैं और इनका प्रयोग फैक्ट्रियों में किया जाता है. ये सर्जिकल मास्क से बेहतर हैं, लेकिन वायरस को रोकने में अधिक कारगर नहीं हैं.

FFP2 : ये मास्क N95 होते हैं जो कि लगभग 95 % प्रतिशत दूषित कणों को रोक सकते हैं या फिल्टर कर सकते हैं. कुछ देशों में उन्हें KN 95 या P2 के रूप में भी जाना जाता है. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि N95 मास्क, सर्जिकल मास्क की तुलना में कम से कम 5 गुना अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।

FFP3 : भारत में इस मास्क को N99 कहा जाता है, जो कि लगभग 99% दूषित कणों को फिल्टर करता है. कई देशों में इसे EN149 या P3 के रूप में भी जाना जाता है. ये काफी प्रभावी माने जाते हैं और ये एयरोसोल के साथ वायरस और बैक्टीरिया को भी रोकने में मदद करते हैं.

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