जबलपुर। पिछले एक माह पूर्व से कोरोना के आंकड़ों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे है। जैसे की शाम होते ही प्रशासन द्वारा जिस प्रकार की रिपोर्ट पहले जारी की जाती थी, वैसी रिपोर्ट प्रशासन ने जारी करना ही बंद कर दिया है। जिसको लेकर कई बार बातें भी हुई। परंतु प्रशासनिक तानाशाही के चलते इन गड़बड़झालों का दौर चलता रहा। इसी कड़ी में एक नया मामला सामने आया है, जहां पर शहर के प्रमुख फीवर क्लीनिक कोतवाली में सेंपलिंग करने वाले चिकित्सकों द्वारा लगातार सेंपल रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की है। अर्थात नाम और नंबर बदलकर रिपोर्ट ही बदल डाली।
क्या है मामला
जानकारी अनुसार कोतवाली स्थित फीवर क्लीनिक में दो चिकित्सक डॉक्टर सृष्टि पाठक व डॉ अपूर्वा सिन्हा नियुक्त किए गए हैं। लेकिन यह दोनों चिकित्सक दो बजे के बाद फीवर क्लीनिक से गायब हो जाते हैं। जिस कारण यहां पर आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं फीवर क्लीनिक प्रभारी डॉ शिल्पी जैन भी बगैर किसी सूचना के पिछले पांच दिनों से अवकाश पर हैं। इनके द्वारा सबसे पहले किसी व्यक्ति का नाम लिखा जाता है, जिसकी सैंपलिंग प्रदर्शित की जाएगी। इसके बाद फर्जी नमूना लेकर उसके संपर्क नंबर पर अपने किसी मित्र, सहकर्मी या जिला अस्पताल के चिकित्सकों का कांटेक्ट नंबर डाल दिया जाता है। इसके बाद इन फर्जी सैंपल इनको वेबसाइट पर अपडेट कर दिया जाता है।
सीएमएचओ का नहीं उठता फोन
इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुरारिया से संपर्क करना चाहा तो कई बार के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया। जब सीएचएमओ का यह हाल है तो फीवर क्लीनक के डॉक्टर से जनता क्या अपेक्षा कर सकती है।