नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ (Cyclone Biparjoy) से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने की. ‘बिपरजॉय’ बेहद खतरनाक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और आने वाले दिनों में इसके कारण गुजरात और महाराष्ट्र के हिस्सों से टकराने की उम्मीद है. यह शक्तिशाली चक्रवात पाकिस्तान तक को प्रभावित करने की संभावना है. भारत में इस तूफान से भारी बारिश और तेज हवाएं चलेंगी.
इसके प्रभाव क्षेत्र में जान-माल का नुकसान कम से कम हो, इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं. स्थानीय प्रशासन निचले इलाकों को खाली करा रहा है जबकि मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. इस चक्रवात से गुजरात के करीब एक दर्जन जिले प्रभावित होंगे. यहां सुरक्षा के उचित प्रबंध किए जा रहे हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात के गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में कराची के बीच गुरुवार दोपहर को 125-135 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर हवा की गति के साथ 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आने की उम्मीद है.
अलर्ट पर गुजरात, एक दर्जन से अधिक जिले हो सकते हैं प्रभावित
मौसम कार्यालय के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि तटीय गुजरात के लगभग एक दर्जन जिले भारी बारिश और तेज हवाओं से प्रभावित होंगे. दरअसल, देश के दो सबसे बड़े बंदरगाह मुंद्रा और कांडला कच्छ की खाड़ी में हैं, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी परिसर जामनगर रिफाइनरी सौराष्ट्र में स्थित है. इनको लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है. यहां भी बारिश और तेज हवाओं के कारण नुकसान न हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि 1998 में आए एक चक्रवात से गुजरात में करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था और 4 हजार लोगों की जान चली गई थी.
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