उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

अमरनाथ यात्रा के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र बनना शुरू… उज्जैन से हजारों यात्री जाएँगे

  • यात्रियों को रखना होना स्वास्थ्य का ख्याल-अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए जारी की हेल्थ एडवाइजरी-अपनाने होंगे यह नियम

उज्जैन। हर वर्ष होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए उज्जैन सहित पूरे जिले से हजारों रात्रि दर्शन के लिए जाते हैं। इस दुर्गम यात्रा में सफर करने से पहले डॉक्टर से फिटनेस प्रमाण पत्र बनाना आवश्यक होता है। इसके बाद ही यात्रा का रजिस्ट्रेशन होता है। उज्जैन से भी यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिए हैं। इसी के साथ अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने भी श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए एक एडवाइजरी जारी की है। ये एडवाइजरी उन श्रद्धालुओं के लिए हैं, जिन्हें ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।



अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु चिकित्सक से फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने भी ऊँचाई वाले क्षेत्रों में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। ये एडवाइजरी उन लोगों के लिए है जिन्हें ऊँचाई वाले क्षेत्रों में कई शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है। एडवाइजरी इसलिए जारी की गई जिससे श्रद्धालु पहले से ही पूरी तरह तैयार रहे और यात्रा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो। ज्यादा ऊँचाई वाली जगह पर स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए क्या-क्या करना जरूरी है, एडवाइजरी में इससे जुड़ी सारी जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि श्रद्धालुओं को यात्रा पर आने से पहले शारीरिक तौर पर फिट रहना जरूरी है। इसके लिए तुरंत तैयारी करना शुरू कर दें। यात्रा से एक महीने पहले से मार्निंग और इवनिंग वाक शुरू करें। इस दौरान हर रोज चार-पाँच किलोमीटर पैदल चलें। ऊंचाई वाली बीमारी की रोकथाम के लिए डॉक्टरों के अनुसार यह करें-शरीर की आक्सीजन दक्षता में सुधार के लिए गहरी साँस लेने का व्यायाम और योग, विशेष रूप से प्राणायाम शुरू करें। यदि पहले और वर्तमान में कोई चिकित्सकीय स्थिति है, तो अधिक ऊँचाई पर यात्रा करने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच कराएँ। चढ़ते समय धीरे-धीरे चलें और आदत डालने में समय लें। खड़ी ढलानों पर थोड़ी देर आराम करें। अपनी सामान्य क्षमता से अधिक परिश्रम करने से बचें। कोई भी दवा लेने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच अवश्य कर लें। निर्जलीकरण और सिरदर्द से निपटने के लिए खूब पानी पीएँ। प्रतिदिन लगभग पाँच लीटर तरल पदार्थ पीएँ। थकान को कम करने और निम्न रक्त शर्करा के स्तर को रोकने के लिए कार्बोहाइड्रेट का भरपूर सेवन करें। अपने साथ पोर्टेबल आक्सीजन अवश्य लाएँ, क्योंकि यदि आपको साँस लेने में कठिनाई हो तो यह सहायक होती है। यदि आपको अधिक ऊँचाई पर बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगे तो तुरंत निचली जगह पर उतरें। यदि कुछ सप्ताह पहले अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद आपके स्वास्थ्य की स्थिति में कोई बदलाव आता है, तो तीर्थ यात्रा पर जाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। उच्च ऊँचाई वाली बीमारी या किसी अन्य असुविधा के किसी भी लक्षण के मामले में तुरंत रास्ते में विभिन्न स्थानों पर स्थित निकटतम चिकित्सा सुविधा से संपर्क करें। इसी के साथ श्राइन बोर्ड द्वारा कहा गया है कि दमा, साँस एवं अन्य गंभीर बीमारी वाले श्रद्धालु इस यात्रा को न करें।

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