नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत नई नौकरी की तलाश करने वालों के लिए मुश्किल भरी साबित हो सकती हैं. दरअसल एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि दुनिया भर में मंदी की आशंकाओं की वजह से इस साल की पहली तिमाही में कंपनियों नई भर्तियों को लेकर सतर्क रुख अपना सकती हैं. यानि नई नौकरी देते वक्त वो ज्यादा आक्रामक रुख नहीं अपनाएंगी. रिपोर्ट के मुताबिक कई कंपनियां इस तिमाही के लिए अपनी रोजगार योजनाओं की समीक्षा कर सकती हैं और ऐसे अवसर घट सकते हैं.
बृहस्पतिवार को जारी एक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में कॉरपोरेट कंपनियां 2022- 23 की मार्च तिमाही में भर्तियों को लेकर सतर्क रूख अपना सकती हैं.इश सर्वें में कहा गया है कि मंदी की आशंका और मुद्रास्फीति के स्तर को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं और जिसका असर नए मौकों पर दिख सकता है. यह सर्वे लगभग 3,030 सार्वजनिक और निजी नियोक्ताओं के बीच किया गया है.
मैनपावर ग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वे के अनुसार, सालाना और तिमाही आधार पर नियुक्ति के इरादे मार्च तिमाही में घटेंगे. इस दौरान शुद्ध रोजगार परिदृश्य केवल 32 प्रतिशत रहने की संभावना है. सर्वेक्षण के मुताबिक इस साल जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 48 प्रतिशत कंपनियां नियुक्ति स्तर में वृद्धि कर सकती हैं, 16 प्रतिशत ने कम नियुक्तियां करने का इरादा जताया जबकि 34 प्रतिशत ने यथास्थिति बने रहने की बात कही.
मैनपावर ग्रुप इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा, नियोक्ता मंदी की आशंका और वैश्विक स्तर पर गहराती नरमी के चलते सतर्क हैं. पिछली तिमाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उथल-पुथल की वजह भी यही थी’. मैनपॉवर ग्रुप के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी जोनास प्राइसिंग ने कहा, इसमें कोई शक नहीं कि अर्थशास्त्रियों ने जिन प्रतिकूल परिस्थितियों का अनुमान जताया था उन्होंने रोजगार बाजारों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है.
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