इंदौर न्यूज़ (Indore News)

पांच गुना मरीज सरकारी की तुलना में निजी अस्पतालों से स्वस्थ


 अरबिंदो से सर्वाधिक साढ़े 6 हजार से ज्यादा तो सरकारी अस्पतालों से सवा 2 हजार भी अब तक स्वस्थ नहीं
इंदौर। एक तरफ कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, दूसरी तरफ शहर के निजी अस्पतालों में बैड, आईसीयू का टोटा पड़ रहा है। इन दिनों कोरोना मरीज सक्षम वर्ग में अधिक मिल रहे हैं और बाहर से आने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ गई, जिसके चलते निजी अस्पतालों ने जहां बैड बढ़ा दी, वहीं एसएनजी जैसे अस्पताल ने लगभग 50 बैड और दिए हैं। अभी तक शहर में 11 हजार से ज्यादा मरीजों को निजी अस्पतालों में स्वस्थ किया, जो कि सरकारी अस्पतालों की तुलना में 5 गुना ज्यादा हैं। शहर के सरकारी अस्पतालों में बैड अभी भी खाली हैं और सवा 2 हजार मरीज भी अभी तक स्वस्थ बीते 6 महीनों में नहीं हुए। सर्वाधिक साढ़े 6 हजार से अधिक मरीजों को अरविन्दो ने स्वस्थ किया है। इसके बाद इंडेक्स और चोईथराम का नम्बर आता है। नए सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल से भी 150 से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं।
इंदौर में अब 400 से अधिक मरीजों का आंकड़ा रोजाना आने लगा है। हालांकि होम आइसोलेशन में भी आधे मरीजों का इलाज चल रहा है। बावजूद इसके शहर के निजी अस्पतालों में वेटिंग लिस्ट चल रही है। जितने भी प्रमुख निजी अस्पताल हैं वहां पर बैड उपलब्ध नहीं हैं और दबाव-प्रभाव के चलते बड़ी मुश्किल से जुगाड़ एक दिन बाद हो बाती है। दरअसल इंदौर में आधे से ज्यादा बैड निजी अस्पतालों के बाहरी मरीजों से भरे पड़े हैं। इंदौर में ही अब पॉश इलाकों में ज्यादा कोरोना के मरीज मिल रहे हैं और ये सारे मरीज होम आइसोलेशन में या फिर अच्छे निजी अस्पताल में ही भर्ती होना चाहते हैं। इंदौर में अभी तक कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 19 हजार 125 हो गई है, जिनमें से 14 हजार 521 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें से 2 हजार से ज्यादा तो होम आइसोलेशन में, तो शेष निजी अस्पतालों ने ठीक किए हैं। साढ़े 11 हजार से अधिक कोरोना मरीजों को शहर के निजी अस्पतालों ने ठीक किया। हालांकि उन पर लूटपट्टी के आरोप भी लगातार लगते रहे हैं। वहीं शासन ने अरविन्दो और इंडेक्स अस्पतालों से अनुबंध कर रखा है, ताकि गरीब और अन्य वर्ग के लोगों का नि:शुल्क कोरोना इलाज कराया जा सके। साढ़े 6 हजार से अधिक कोरोना मरीजों को अकेले अरविन्दो ने ही अभी तक स्वस्थ कर दिया है और यही कारण है कि बीते कुछ दिनों से उसके सभी बैड और आईसीयू भर गए हैं। अरविन्दो में आधे से ज्यादा बाहरी मरीजों का भी इलाज किया गया है। इसी तरह इंडेक्स हॉस्पिटल ने भी 2 हजार से अधिक मरीजों को स्वस्थ कर दिया, तो चोईथराम अस्पताल से 1 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो गए हैं। प्रशासन ने शहर के 29 निजी अस्पतालों में 30 प्रतिशत बैड ौर आईसीयू कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करवाए हैं। इनमें से अधिकांश प्रमुख बड़े निजी अस्पतालों में तो बैड खाली नहीं हैं, वहीं अब निजी अस्पताल भी अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं, क्योंकि इन दिनों कोरोना के ही मरीज ज्यादा मिल रहे हैं। साउथ तुकोगंज स्थित एसएनजी अस्पताल ने भी इसी तरह बैड, आईसीयू, प्राइवेट वार्डों की संख्या बढ़ा दी। दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों की हालत तो पहले से ही दयनीय थी, अभी कोरोना काल में भी उनकी रोजाना पोलपट्टी खुल रही है, जिनमें एमवाय तो सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। निजी की तुलना में लगभग 2200 कोरोना मरीज ही सरकारी अस्पताल में अभी तक स्वस्थ हुए हैं। इनमें एमआरटीबी अस्पताल में लगभग साढ़े 800, तो एमटीएच में 1200 और पिछले दिनों ही उद्घाटित सुपर स्पेशिएलिटी में 150 से अधिक मरीज अभी तक स्वस्थ हो गए हैं। सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में भी बैड और आईसीयू की संख्या बढ़ाई जा रही है। ताबड़तोड़ इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री के हाथों कोरोना मरीजों की बढ़ रही संख्या के मद्देनजर ही करवाया गया। यहां पर साढ़े 500 से अधिक बैड की जुगाड़ है। हालांकि डॉक्टर और स्टाफ की कमी सभी अस्पतालों में पड़ रही है।

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