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विदेश मंत्री ने कहा- बांग्लादेश के साथ करनी होगी 6 रेल लिंक की बहाली, समझाया क्‍या है प्लान

गुवाहाटी । विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि भारत (India) भौगोलिक चुनौतियों से पार पाकर नए सिरे से इतिहास लिख सकता है, यदि हम केवल नीतियों और अर्थशास्त्र को सही कर लेते हैं. भारतीय विदेश मंत्री ने बताया कि कैसे वाणिज्यिक स्तर पर म्यांमार के साथ भूमि संपर्क और बांग्लादेश (Bangladesh) के साथ समुद्री संपर्क मार्ग, वियतनाम और फिलीपींस तक पहुंचने का रास्ता खोल सकते हैं. हाइफोंग से हजीरा और मनीला से मुंद्रा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं.

असम की राजधानी में शुरू हुए दो दिवसीय ‘नेचुरल अलाइज इन डेवलपमेंट एंड इंटरडिपेंडेंस’ कॉन्क्लेव (NADI Conclave) में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘अगर यह काम करता है (उपरोक्त योजना), तो एशिया महाद्वीप के लिए व्यापक लाभ के साथ एक पूर्व-पश्चिम पार्श्व का निर्माण होगा.’ उन्होंने कहा, यह न केवल आसियान देशों और जापान के साथ हमारी साझेदारी को मजबूत करने में सहयोग करेगा, बल्कि वास्तव में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क में भी अंतर लाएगा, जो अब बन रहा है.


‘बांग्लादेश के साथ 6 रेल लिंक’
एस जयशंकर ने कहा कि हमें बांग्लादेश के साथ संपर्क बढ़ाना होगा, विशेष रूप से भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्यों के साथ, जो उसके पड़ोसी हैं. बांग्लादेश के साथ उन 6 ऐतिहासिक क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक की बहाली करनी होगी, जो 1965 से निष्क्रिय पड़ी हैं. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘इन रेल लिंक के एक बार चालू होने के बाद, महिषासन (असम) से शाहबाज़पुर (बांग्लादेश) लिंक को बांग्लादेश के भीतर विस्तारित किया जाएगा और कुलुआरा-शाहबाजपुर रेल लाइन से जोड़ा जाएगा, जिसका वर्तमान में आधुनिकीकरण किया जा रहा है.’

भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल समझौता
विदेश मंत्री ने कहा कि चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी (पश्चिम बंगाल) लाइन, जिसका दिसंबर 2020 में उद्घाटन किया गया था, यात्री यातायात सहित न्यू जलपाईगुड़ी के माध्यम से बांग्लादेश से असम की कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगी. अखौरा (बांग्लादेश) से अगरतला (त्रिपुरा) के बीच एक रेल लिंक विकसित किया जा रहा है, जिसके बारे में जयशंकर ने कहा कि इससे पहले ही भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार में वृद्धि हुई है. विदेश मंत्री ने बांग्लादेश और पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच निर्बाध वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए बीबीआईएन मोटर वाहन (Bangladesh, Bhutan, India, Nepal Motor Vehicle Agreement) समझौते को लागू करने के लिए बातचीत पर बड़ी उम्मीदें लगाई हैं.

उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश के अंदर, भारत सड़क परियोजनाओं की एक श्रृंखला पर सहयोग कर रहा है, जिसमें 400 मिलियन डॉलर से अधिक की क्रेडिट लाइन के तहत आशुगंज नदी पोर्ट-अखौरा लैंड पोर्ट रोड में सुधार करना शामिल है. त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बरुएरहाट से रामगढ़ को जोड़ने वाली एक सड़क परियोजना को भी 80.06 मिलियन डॉलर की एक अन्य एलओसी के तहत लागू किया जा रहा है.’

भारत-बांग्लादेश सीमा पर 9 हाटों का निर्माण
जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के जरिए भारतीय बंदरगाहों से माल की आवाजाही और वहां से त्रिपुरा और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में माल की आवाजाही पर समझौतों द्वारा जटिल और अंतर्संबंधित सीमा पार भूगोल के बीच तालमेल स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महामारी से पहले की अवधि में भारत और बांग्लादेश से जुड़े 4 सीमावर्ती हाटों (बाजार) की सफलता ने केंद्र को 9 और हाटों पर काम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है. इसके तहत मेघालय में 3, त्रिपुरा में 4 और असम में 2 हाट बनाए जा रहे हैं.

नेपाल से सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा सिक्किम
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि क्रॉस बॉर्डर पावर ट्रांसमिशन लाइंस और डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी के अतिरिक्त आयाम प्रदान करते हैं. आज, 1160MW पहले से ही आपूर्ति की जा रही है और 1500MW पाइपलाइन में है. अगरतला और कॉक्स बाजार के बीच अंतरराष्ट्रीय प्रवेश द्वार त्रिपुरा में तेजी से इंटरनेट एक्सेस और ब्रॉडबैंड प्रदान सेवाएं करने में मदद कर रहा है.

जयशंकर ने कहा कि इस उभरती सहयोगी क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में नेपाल और भूटान भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारत के सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में चिवा भंजयांग सीमा के माध्यम से सिक्किम को नेपाल से जोड़ने वाली एक सड़क भी निर्माणाधीन है. इसके पूरा होने के साथ, सिक्किम की नेपाल के पूर्व-पश्चिम राजमार्ग तक पहुंच होगी, जिससे दोनों देशों में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

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