इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

106 इंदौरी देसी शराब दुकानों पर बिक सकेगी विदेशी

शासन नई आबकारी नीति में कर सकता है संशोधन, छोटे-छोटे समूह में देंगे ठेके, इससे अधिक मिलेगा राजस्व भी

इंदौर। राज्य शासन (state government) द्वारा नई आबकारी नीति तैयार (Excise policy prepared)  की जा रही है, जिसमें बड़े की बजाय छोटे-छोटे समूह में ठेके देने की व्यवस्था (Management) रहेगी, ताकि अधिक राजस्व हासिल (revenue gain) हो सके। वहीं एक निर्णय यह भी लिया जा रहा है कि देशी शराब दुकानों (liquor stores) पर विदेशी शराब बेचने (sell foreign liquor) की अनुमति भी दी जाए। इंदौर (Indore) जिले में 106 देशी शराब दुकानें वर्तमान में है। अगर शासन आबकारी नीति में संशोधन करता है और विदेशी शराब बेचने की अनुमति देता है तो फिर इन देशी दुकानों पर विदेशी शराब बिक सकेगी। जिले में फिलहाल 69 विदेशी शराब की दुकानें हैं और अभी तक 625 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व भी चालू वित्त वर्ष में मिल गया।


इस बार कोरोना (corona) के कारण शुरुआत में आबकारी विभाग (Excise Department)को दुकानों को नीलाम करने में परेशानी भी आई और कुछ दिन दुकानों का संचालन भी विभाग को ही करना पड़ा। मगर उसके बाद इंदौर जिले की 175 देशी-विदेशी शराब की दुकान 910 करोड़ रुपए में नीलाम हो गई। इंदौर (Indore) के उपायुक्त आबकारी राजनारायण सोनी के मुताबिक अभी तक 625 करोड़ की राशि जमा हो चुकी है और गत वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत राजस्व अधिक भी हासिल कर लिया है। अवैध शराब की धरपकड़ भी लगातार की जा रही है। कल भी सवा 3 लाख रुपए से अधिक की अवैध (illegal) शराब इंदौर-महू में एक दर्जन छापों के दौरान जब्त की गई। आबकारी कंट्रोलर राजीव प्रसाद द्विवेदी के नेतृत्व में अलग-अलग स्थानों पर छापे डाले गए और आबकारी अधिनियम के तहत 10 प्रकरण भी दर्ज हुए। 100 लीटर हाथभट्टी शराब और दो हजार लीटर महुआ लहान के नमूने लेकर भी नष्ट करवाए गए। वहीं विभाग को नई आबकारी नीति का इंतजार है, जिसमें शासन इस बार कुछ संशोधन कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक देशी शराब की दुकानों पर विदेशी शराब बेचने की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इसको लेकर पूर्व में भी हल्ला मच चुका है। दरअसल शासन लाख चाहकर भी शराब दुकानों की संख्या नहीं बढ़ा पाता है। लिहाजा अन्य उपाय किए जा रहे हैं। गत वर्ष बड़े समूहों को ही ठेके दिए गए, जिसके चलते सिंडिकेट बनाकर इंदौर जिले का भी ठेका लिया गया। वहीं अब छोटे-छोटे समूह बनाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं हेरिटेज शराब को भी अनुमति दी जाएगी। पिछलेे दिनों इंदौर में ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आदिवासियों के सम्मेलन में इसकी घोषणा की थी। खासकर आदिवासियों के लिए विशेष शराब नीति लाई जाएगी, ताकि उन्हें शराब बनाने की अनुमति मिल सके। अब देखना यह है कि शासन आबकारी नीति में क्या-क्या परिवर्तन करता है।

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