इंदौर, प्रदीप मिश्रा। पीथमपुर में 3200 एकड़ में बने एशिया के नम्बर वन हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक को नीलगाय के खतरे से मुक्त कराने के लिए वन विभाग ने मंत्रालय से हेलीकॉप्टर की मांग की है। रालामण्डल वन विभाग रेस्क्यू टीम के एसडीओ योहान कटारा के अनुसार पीथमपुर के हॉई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक वाले इलाके में लगभग 45 नीलगाय मौजूद हैं, जिन्हें पकडऩे के लिए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, बांधवगढ़, सतपुड़ा वन विभाग की रेस्क्यू टीम के लगभग 100 अधिकारी और कर्मचारी जुटे हुए हैं, मगर उन्हें कोई विशेष सफलता नहीं मिली। नीलगाय वाहनों की आवाज सुनकर भाग जाती हैं।
इसलिए वन विभाग ने नीलगायों का रेस्क्यू करने के लिए रणनीति बदल दी है। अब वन विभाग हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके ऊपर से नीलगायों को हांकते हुए उन्हें कैद करने के लिए बनाए बोमा की तरफ दौड़ाएगा। इसके लिए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से टेस्टिंग ट्रैक के 3200 एकड़ मे हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल की मांग की है। हॉई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्टिंग के दौरान वाहनों को परीक्षण करने के लिए उन्हें गति की अधिकतम सीमा तक दौड़ाया जाता है। ऐसे में अचानक ट्रैक पर नीलगाय के आ जाने से कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इसलिए हॉई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक को नीलगायों से मुक्त कराने के लिए सरकार ने वन। विभाग को निर्देशित किया है। वन विभाग का कहना है कि या तो सरकार उन्हें हेलीकॉप्टर मुहैया कराए या फिर वह किराए का हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान करे, जिससे हेलीकॉप्टर से नीलगायों को हांकते हुए उन्हें बोमा में कैद कर दूसरी जगह छोड़ा जा सके।
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