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G-20: विदेश मंत्रियों की बैठक आज से, यूक्रेन युद्ध समेत इन मुद्दों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली (New Delhi)। यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) पर रूस और पश्चिमी देशों (Russia and Western countries) में तनातनी के बीच जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों (Foreign ministers of G-20 countries) की बैठक राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार और बृहस्पतिवार को होगी। बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (US Secretary of State Antony Blinken), रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergei Lavrov), चीन के विदेश मंत्री किन गांग (Chinese Foreign Minister Qin Gang), फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना (French Foreign Minister Catherine Colonna), जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक (German Foreign Minister Annalena Beyerbock) और ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली (Britain’s Foreign Secretary James Cleverly) सहित कई यूरोपीय देशों के विदेश मंत्री एक साल से जारी यूक्रेन युद्ध पर गहन चर्चा करेंगे।


हालांकि, एक मार्च को विदेशी मेहमानों के स्वागत का कार्यक्रम रहेगा, इसलिए अहम मसलों पर चर्चा बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में होगी। बैठक में बहुपक्षीय खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, नये और उभरते खतरे, वैश्विक कौशल मैपिंग, मानवीय सहायता और आपदा राहत पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। जी-20 की मेजबानी कर रहे भारत ने श्रीलंका और बांग्लादेश को मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया है। इसके अलावा इटली के विदेश मंत्री एंतोनिओ तजान, ऑस्ट्रेलिया के पेन्नी वांग, सऊदी अरब के विदेश मंत्री युवराज फैसल बिन फरहान, इंडोनेशिया के रेटनो मरसूदी और अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटिआगो कैफियेरो भी इसमें हिस्सा लेंगे।

2019 के बाद पहली बार चीन के विदेश मंत्री आएंगे भारत दौरे पर
चीन के विदेश मंत्री किन गांग दो मार्च को भारत में जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें बैठक के लिए आमंत्रित किया है। 2019 में सीमा पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में शामिल होने के लिए पूर्ववर्ती वांग यी के नई दिल्ली दौरे के बाद किसी चीनी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा होगी। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में शिथिलता आ गई है।

गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों ने सैन्य कमांडर स्तर की 17 उच्च स्तरीय वार्ता की है। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। भारत को पिछले साल एक दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता मिली है। जी-20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 फीसदी, वैश्विक व्यापार के 75 फीसदी से अधिक और दुनिया की आबादी के लगभग दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जापान : विदेश मंत्री हयाशी का बैठक में आना तय नहीं
जापान अब तक यह तय नहीं कर पाया है कि उसकी तरफ से इस बैठक का प्रतिनिधित्व कौन करेगा। जापान के विदेश मंत्री योशिमसा हयाशी ने पत्रकारों को बताया कि देश के शीर्ष राजनयिक घरेलू संसदीय सत्र के कारण इस बैठक में नहीं जा सकेंगे। उनके स्थान पर उप मंत्री को भेजे जाने की उम्मीद है।

पड़ोसी प्रथम नीति में बांग्लादेश का अहम स्थान
भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में बांग्लादेश का महत्वपूर्ण स्थान है। इसे देखते हुए उसे अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने नौ और 10 सितंबर को होने वाली आगामी बैठक के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।

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