टेक्‍नोलॉजी

AI को लेकर जेफ्री हिंटन ने जताई चिंता, कहा- क्लाइमेट चेंज से भी पैदा हो सकता है बड़ा खतरा

नई दिल्ली (New Delhi ) । AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉडफादर जेफ्री हिंटन ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाइमेट चेंज से भी बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। बता दें कि जेफ्री हिंटन, जिन्हें ‘एआई के गॉडफादर’ के रूप में जाना जाता है, ने एक दशक से अधिक समय तक गूगल में काम किया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गूगल से छोड़ दी थी नौकरी
जेफ्री हिंटन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टेक्नोलॉजी लाने में मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने दो छात्रों के साथ, एक न्यूरल नेटवर्क बनाया जो चैटजीपीटी, बिंग और बार्ड चैटबॉट्स के आधार के रूप में कार्य करता था। हालांकि, हिंटन ने जल्द ही अपनी खुद की रचना के खतरों को महसूस किया और दुनिया को उभरती हुई टेक्नोलॉजी के जोखिमों के बारे में चेतावनी देने के लिए गूगल में अपनी नौकरी छोड़ दी थी।

हिंटन ने टेक्नोलॉजी को लेकर दी चेतावनी


रायटर के साथ अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में हिंटन ने कहा कि एआई एक ऐसा खतरा पैदा करता है जो जलवायु परिवर्तन की तुलना में अधिक खतरनाक है। उन्होंने कहा, “मैं जलवायु परिवर्तन का अवमूल्यन नहीं करना चाहूंगा। मैं यह नहीं कहना चाहूंगा कि आपको जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। यह एक बड़ा जोखिम है। लेकिन मुझे लगता है कि एआई का खतरा अधिक जरूरी हो सकता है।

जेफ्री हिंटन का बयान ऐसे समय में आया है जब कि हमारे पास अभी जलवायु परिवर्तन का एक तरीका है और जानते हैं कि चीजों को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए। हालांकि, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात आती है, तो इसके खतरों को लेकर हमारे पास कोई प्लान नहीं है।

उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन के साथ, यह सुझाव देना बहुत आसान है कि आपको क्या करना चाहिए। आप बस कार्बन जलाना बंद कर दें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो चीजें अपने आप ठीक हो जाएंगी। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि आपको बचाव के लिए क्या करना चाहिए।”

पहले भी किया था आगाह
एक अन्य इंटरव्यू में हिंटन ने चेतावनी दी थी कि एआई जल्द ही बुद्धि के मामले में इंसानों से आगे निकल सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें मनुष्यों से अधिक बुद्धिमान मशीनें बनाने के संभावित परिणामों के बारे में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। हिंटन ने कहा, “हमारे दिमाग में 100 ट्रिलियन कनेक्शन हैं, बड़े भाषा मॉडल में आधा ट्रिलियन, एक ट्रिलियन तक होता है। फिर भी GPT-4 एक व्यक्ति से सैकड़ों गुना अधिक जानता है। तो शायद यह वास्तव में हमसे बेहतर सीखने वाला एल्गोरिदम है।”

Share:

Next Post

तमिलनाडु में नहीं दिखाई जाएगी 'द केरल स्टोरी', मल्टीप्लेक्स संगठनों का फैसला

Sun May 7 , 2023
नई दिल्ली: इस शुक्रवार थिएटर्स में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ काफी चर्चा और विवाद बटोर रही है. अदा शर्मा स्टारर इस फिल्म में, केरल में लड़कियों को धर्म बदलने पर मजबूर करने और उन्हें ISIS जॉइन करवाने की कहानी दिखाने का दावा किया गया है. फिल्म का टीजर रिलीज होने के बाद […]