नई दिल्ली। कमजोर अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) से शुक्रवार को भारतीय बाजारों में सोने और चांदी (Gold and silver) की वायदा कीमत में बढ़त दर्ज की गई। एमसीएक्स (MCX) पर सोना वायदा 1.23 फीसदी (580 रुपये) ऊपर 47580 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी वायदा 2.85 फीसदी (1981 रुपये) बढ़कर 71600 रुपये प्रति किलोग्राम रही। पिछले साल सोना 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंचा था। यानी यह उच्चतम स्तर से 8620 रुपये सस्ता है।
वैश्विक बाजारों में इतनी रही कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजारों (International markets) में, पिछले कारोबारी सत्र में 16 फरवरी के बाद को उच्चतम स्तर (1817.90 डॉलर) को छूने के बाद आज हाजिर सोना 1,814.33 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 0.1 फीसदी गिरकर 27.26 डॉलर प्रति औंस पर थी। पैलेडियम 0.1 फीसदी गिरकर 2942.82 डॉलर पर पहुंचा। इससे पहले यह 3017.18 डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। प्लैटिनम 1252.41 डॉलर पर रहा। डॉलर इंडेक्स में 0.4 फीसदी की गिरावट आई।
सरकार ने सोने-चांदी पर घटाया था आयात शुल्क
सरकार ने एक फरवरी को सोने और चांदी पर आयात शुल्क (Import duty) में कटौती की घोषणा की थी। इस कदम से घरेलू बाजार में इन मूल्यवान धातुओं की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी तथा रत्न एवं आभूषण निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। पहले सोना और चांदी पर 12.5 फीसदी सीमा शुल्क लगाया जाता था। चूंकि, जुलाई 2019 में शुल्क 10 फीसदी से बढ़ा दिया गया था, इसलिए कीमती धातुओं के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई, इसे पिछले स्तर के करीब लाने के लिए सरकार ने सोना और चांदी पर सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाया। अब सोना और चांदी पर सीमा शुल्क कम कर 7.5 फीसदी किया गया है। इसमें 2.5 फीसदी कृषि अवसंरचना और विकास उपकर भी लगता है।
बीते वित्त वर्ष 2.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा सोने का आयात
बीते वित्त वर्ष 2020-21 में सोने का आयात 22.58 फीसदी बढ़कर 34.6 अरब डॉलर या 2.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सोने का आयात चालू खाते के घाटे (CAD) को प्रभावित करता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ा है। वित्त वर्ष के दौरान चांदी का आयात 71 फीसदी घटकर 79.1 करोड़ डॉलर रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सोने का आयात 28.23 अरब डॉलर रहा था। सोने के आयात में बढ़ोतरी के बावजूद बीते वित्त वर्ष में देश का व्यापार घाटा कम होकर 98.56 अरब डॉलर रह गया। 2019-20 में यह 161.3 अरब डॉलर रहा था। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ रहा है।
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