- शिक्षकों की नियुक्ति में एक भी पिछड़े को नहीं मिला मौका
भोपाल। प्रदेश सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा की समय सीमा एक साल बढ़ाने के साथ ही 1776 कैंडिडेट को नियुक्ति पत्र थमा दिए हैं। खास बात यह है कि इनमें एक भी ओबीसी का अभ्यर्थी नहीं है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि यह लिस्ट सिर्फ अनारक्षित वर्ग, ईडब्ल्यूएस, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जारी की गई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने वेटिंग लिस्ट वाले टीचर्स की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत उच्च माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग-एक में 853 और वर्ग दो के 923 कैंडिडेट्स के आदेश जारी किए हैं। ओबीसी की वेटिंग क्लियर नहीं की गई है।
शिक्षक भर्ती में कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी देने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने उन विषयों में 14 फीसदी आरक्षण उन्हीं विषयों में दिया, जिसमें उम्मीदवार कोर्ट पहुंचे थे। जिन विषयों में उम्मीदवार कोर्ट नहीं पहुंचे, उनमें 27 फीसदी आरक्षण दिया। पहली लिस्ट में 11 विषयों में 27 फीसदी आरक्षण दिया था। 5 विषयों में 14 फीसदी दिया है। इसके बाद उम्मीदवार फिर कोर्ट पहुंचे, तो कोर्ट ने पिछले दिनों राज्य सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया था। इस बार किसी भी विषय की लिस्ट में ओबीसी के कैंडिडेट्स को जगह नहीं दी गई है। ओबीसी उम्मीदवार के लिए किसी विषय में वेटिंग क्लियर नहीं की गई है।
शिक्षकों की दूसरी काउंसिलिंग अटकी
स्कूल शिक्षा के स्कूलों के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती दो चरणों में होनी है। पहले चरण में 15 हजार और दूसरे चरण में 2 हजार शिक्षकों की भर्ती होनी है, लेकिन अभी पहले चरण की काउंसिलिंग के तहत वेटिंग क्लियर नहीं हो सकी है। इसके कारण दूसरी चरण की काउंसिलिंग भी शुरू नहीं हो सकी है। अब उच्च माध्यमिक शिक्षक के 1500 हजार पदों पर भर्ती होते ही सेकंड राउंड की काउंसिलिंग शुरू हो सकेगी।