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JNU हिंसा को लेकर एक्शन मोड में सरकार, शिक्षा मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट तलब की


नई दिल्ली: रामनवमी के अवसर पर नॉनवेज को लेकर छात्रों के दो गुटों के बीच झड़प को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच हुए झड़प पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से रिपोर्ट मांगी है. शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘रामनवमी पर छात्रों के समूहों के बीच हुए संघर्ष एवं परिसर में अशांति को लेकर मानक प्रक्रियाओं के तहत औपचारिक रिपोर्ट मांगी गई है.’

जेएनयू हिंसा के लगभग 2 दिनों के बाद शिक्षा मंत्रालय ने अब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एक रिपोर्ट जमा करने को कहा है. रामनवमी के अवसर पर परिसर में बवाल क्यों हुआ और यूनिवर्सिटी की तरफ से क्या एक्शन हुए, इन सभी बातों का जिक्र रिपोर्ट में हो सकता है. माना जा रहा है कि रिपोर्ट के बाद ही शिक्षा मंत्रालय कोई एक्शन लेगा. बता दें कि कावेरी होस्टल में रात के वक्त नॉन वेज खाने को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए थे. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है.

दरअसल, इससे पहले जेएनयू में हुए बवाल पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने सोमवार को कहा था कि परिसर में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और छात्रों को ऐसी किसी भी घटना में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे शांति एवं सद्भाव भंग हो. विश्वविद्यालय ने एक बयान में स्पष्ट किया कि मांसाहारी भोजन परोसने पर कोई रोक नहीं है. बयान में जोर देकर कहा गया है कि मेस का संचालन छात्र समिति करती है और उनके खानपान की सूची से प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है. पुलिस ने बताया कि रविवार को दोनों गुटों के बीच हुई झड़प में 20 लोग घायल हो गए.


गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में रविवार को राम नवमी के मौके पर ‘शांतिपूर्ण’ हवन पर कुछ छात्रों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी. आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भी यही दावा किया है. हालांकि, वामपंथी संगठनों के नेतृत्व वाले जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी के सदस्यों ने राम नवमी पर कावेरी हॉस्टल के मेस में मांसाहारी भोजन परोसे जाने का विरोध करते हुए छात्रों पर हमला कर दिया.

जेएनयू के रजिस्ट्रार ने छात्रों से एक आधिकारिक अपील में कहा, ‘घटना को गंभीरता से लेते हुए कुलपति, रेक्टर व अन्य अधिकारियों ने छात्रावास का दौरा कर छात्रों से मुलाकात की. कुलपति ने उनसे कहा कि परिसर में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और छात्रों को शांति तथा सद्भाव बनाए रखना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘जेएनयू प्रशासन, परिसर में किसी भी प्रकार की हिंसा ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ के अपने संकल्प को दोहराता है। छात्रों को ऐसी घटनाओं में शामिल होने से बचने की भी चेतावनी दी जाती है, जिससे परिसर में शांति और सद्भाव भंग हो. यदि कोई इस तरह के कृत्य में लिप्त पाया जाता है, तो विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.’

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