जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

प्राइवेट स्कूल को चिढ़ाता सिवनी का सरकारी स्कूल

  • शिक्षक दिवस पर विशेष अपनी लगन से शिक्षक संजय तिवारी ने स्कूल को बना दिया शिक्षा का मंदिर
  • 2017 में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित हो चुके है संजय तिवारी

सिवनी। सरकारी नौकरी पाकर कुछ लोग अपने मूल कर्तव्य से विमुख हो जाते हैं तो वहीं कुछ शिक्षक धन के इतने लोलुप हो जाते हैं कि वे स्कूल के छात्रों को पढ़ाने के नाम पर मोटी रकम तो सरकार से लेते हैं लेकिन बच्चों को पढ़ाने के नाम पर दगाबाजी करते हुए सांठगांठ से स्कूल विलम्ब से जाकर या झूठा अवकाश लेकर अपना अन्य व्यवसाय ज्यादा चलाते हैं और लोभ, मोह, माया में ही संलिप्त नजर आते हैं। वहीं कुछ ऐसे शिक्षक भी होते हैं जो स्कूल को स्कूल नहीं अपने घर, परिवार से भी कहीं अधिक मानते हुए स्कूल को मंदिर और विद्यार्थी को भगवान मानते हैं। अपने वेतन का कुछ हिस्सा स्कूल के विकास, सौंदर्यीकरण, विद्यार्थियों को अधिक से अधिक बेहतर, होनहार बनाने में अपना तन-मन-धन सब कुछ न्योछावर करने से पीछे नहीं रहते हैं। ऐसे ही एक शिक्षक संजय तिवारी हैं। जो अपने स्कूल के विद्यार्थियों को अपनी संतान जैसा मानकर उन्हें स्नेह व मित्रवत व्यवहार के साथ शिक्षा का पाठ पढ़ा कर देश का सच्चा, नेक इंसान बनाने में पूरी शिद्दत से जुटे हैं।


जिला मुख्यालय से जबलपुर रोड स्थित महज 10 किलोमीटर दूरी दूर पर स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल भोगाखेड़ा स्कूल आज किसी मंदिर से कम नजर नहीं आता है। सरकारी स्कूल किसी मंहगे निजी स्कूल से कम नजर नहीं आता है। यहां के संस्कारवान, शिष्ट, व्यवहारिक बच्चों को देख अभिभावकों ग्रामवासियों की ही नहीं अपितु यहां पहुंचने वाले कलेक्टर, आला अधिकारियों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों, जनप्रतिनिधि का भी मन यहां के सभी शिक्षकों के इस कार्य को देख प्रफुल्लित हुए बिना नहीं रह पाता है। स्कूल में बच्चों को सरल तरीके से पढ़ाने कि जहां नए और अनूठे तरीके शिक्षक ने बनाए हैं। वही स्कूल में बच्चे की अचानक तबीयत खराब हो जाए तो उसे सर्वप्रथम तत्काल की प्राथमिक उपचार व्यवस्था भी कैसे की जाए इसके लिए भी एक छोटा सा क्लीनिक भी है, जिससे बच्चों को योग और स्वास्थ्य की शिक्षा भी यहां मिल जाती है। बच्चे मध्यान भोजन बेहतर तरीके से कर सकें इसके लिए भी स्वच्छ व सुविधाजनक व्यवस्था बनाई गई है। शिक्षा के प्रति अपने समर्पण और योगदान के चलते 2017 में मुख्यमंत्री द्वारा राजपाल अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं शिक्षक संजय तिवारी यही नहीं अपनी सुपुत्री का जन्मदिन भी घर पर नहीं मनाते बल्कि अपनी बेटी का जन्मदिन को स्कूल में और स्कूल के बच्चों के साथ ही मनाना उचित समझते समझते हैं।

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