भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

प्रदेश में लकड़ी उत्पादन बढ़ाएगी सरकार, जिलों में खुलेंगे बाजार

 

  • मुख्यमंत्री ने वन विभाग से मांगी विस्तृत योजना, इमारती पेड़ों का होगा रोपण

भोपाल। खेती-किसानी, उद्योगों के बाद अब सरकार का फोकस प्रदेश में लकड़ी उत्पादन बढ़ाने पर है। प्रदेश में ज्यादातर लकड़ी का आयात होता है। ऐसे में सरकार अब गैर वनीय क्षेत्रों में इमारती लकड़ी के पेड़ों का पौधरापेण कराएगी। किसानों-उद्योगपतियों के सहयोग से प्रदेश में लकड़ी उत्पादन बढ़ाकर इस लकड़ी को बाजार में एक नियत स्थान से बेचा जाएगा। इसके लिए सरकार प्रदेश के सभी जिलों में लकड़ी बाजार (क्लस्टर) खोलने की तैयारी कर रही है। उसमें लकड़ी आधारित सभी सामान के साथ लकड़ी से तैयार उत्पादों के उद्योग भी रहेंगे। सरकार ने इस पर वन विभाग से विस्तृत योजना मांगी है। प्रदेश में हर साल 35 हजार करोड़ रुपये की लकड़ी दूसरे राज्यों या विदेश से आती है। सरकार इसे बड़े रोजगार और राजस्व के रूप में देख रही है। इसलिए खाली पड़ी (जिस भूमि पर पेड़ नहीं हैं) 60 हजार हेक्टेयर वनभूमि को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। इसके अलावा सरकार किसानों को भी विभिन्न् प्रजाति के पेड़ और बांस लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इस लकड़ी को बाजार देने के लिए सभी जिलों में लकड़ी बाजार खोले जाएंगे।

इमारती लकड़ी पर रहेगा फोकस
लकड़ी उद्योग के साथ सरकार वनोपज देने वाली प्रजातियों का भी उत्पादन करेगी। इसके लिए साज, साल, सागौन, शीशम, खैर, महुआ, बीजा, बबूल, गूलर, धवा, सलई, चिंरौंजी, पलाश, हल्दु, मोखा, मैदा, दहीमन आदि प्रजाति की लकड़ी का उत्पादन किया जाएगा।

सीएम ने मांगी विस्तृत योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन अधिकारियों से इस पर विस्तार से बात की और योजना तैयार करने को कहा। सरकार ऐसा बाजार तैयार करेगी, जिसमें लकड़ी आधारित सामग्री का निर्माण भी होगा और बिक्री भी। इस बाजार में प्लाईवुड, बांस, बल्ली, पटिए, बांस या लकड़ी के टाइल्स, इंटीरियर डिजाइन के सामान सहित लकड़ी से बनने वाला हर सामान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने वन अफसरों से देश के दूसरे राज्यों में लकड़ी कारोबार एवं वन उत्पादों की मार्केंटिंग एवं उत्पादन बढ़ाने का अध्ययन करने को कहा है। गौरतलब है कि देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश में 94 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वनभूमि है।

पेड़ काटने के नियम होंगे सरल
किसानों को लकड़ी उद्योग से जोडऩे के लिए जरूरी है पेड़ काटने के नियम सरल करना। सरकार इस पर भी तेजी से काम कर रही है। वन विभाग से नियम परिवर्तन का प्रस्ताव जल्द मांगा गया है। ताकि दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा सत्र में पारित कराया जा सके। अभी किसान अपनी भूमि पर इमारती पेड़ लगा तो सकते हैं, पर काटने के लिए जिला वनमंडल अधिकारी से अनुमति लेनी पड़ती है। इसमें कई शर्तें होती हैं। इस वजह से किसान पेड़ लगाने को ही तैयार नहीं होते। अब सरकार ऐसे नियम तैयार करेगी कि किसान जब मर्जी हो पेड़ काटकर बेच भी सकेगा।

आरा मशीन के फिर मिलेंगे लाइसेंस
सरकार करीब दो दशक से उन जिलों में आरामशीन खोलने की इजाजत नहीं दे रही है, जहां हरियाली ज्यादा है, पर अब नियम बदल रहे हैं। सरकार नई आरामशीन के लिए लाइसेंस देने पर भी विचार कर रही है। आरामशीन के कटर भी नौ इंच से बढ़ाकर 12 इंच किया जा रहा है।

 

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