जबलपुर। प्रदेश में भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति फेल हो गई है। पिछले 9 वर्षों से विधानसभा में किसी नेता द्वारा लोकायुक्त की रिपोर्ट पेश ही नहीं गई। ये आरोप लगाते नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच व अन्य संगठनों ने घंटाघर चौक पर प्रदर्शन करते हुये जिला प्रशासन को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। संगठनों ने बताया कि मंत्री, विधायक, अधिकारी और लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कर लोकायुक्त सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा करती हैं। इसकी जानकारी हर साल विधानसभा में सभी के सामने पेश करने का भी प्रावधान है। लेकिन पिछले 9 सालों से भ्रष्टाचार की एक भी जानकारी पेश नहीं की गई है। इस मामले में विभिन्न संगठनों ने घंटाघर पर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। संगठनों का आरोप है कि सरकार ने लोकायुक्त में दर्ज प्रकरणों में से 284 तथा ईओडब्ल्यू के प्रकरणों में से 30 में अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी है, क्योंकि इन प्रकरणों में मंत्रियों तथा बड़े अधिकारियों पर मामले दर्ज हैं। सरकार इन्हें बचाने में लगी है। प्रदर्शन के दौरान डॉ. पीजी नाजपांडे, वेदप्रकाश अधौलिया, टीके रायघटक, सुभाष चंद्रा, सुशीला कनौजिया, संतोष श्रीवास्तव व अन्य नागरिक उपस्थित रहे।
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