- डीन-अधीक्षक के अंदरुनी कलह का खामियाजा मरीज भुगत रहे
भोपाल। डीन-अधीक्षक के अंदरुनी कलह का खामियाजा अस्पताल में भर्ती मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। वह भी तब जब खुद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिंया जयारोग्य अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर संजीदा हों और एक साल में तीन बार निरीक्षण कर चुके हैं। अपरायुक्त पिछले एक साल में 50 से अधिक बार निरीक्षण रिपोर्ट संभागायुक्त को प्रस्तुत कर चुके हैं। इसके बाद भी अस्पताल में अव्यवस्थाएं बिगड़ती गईं। जयारोग्य अस्पताल में इलाज लेने वाले मरीजों को ठंडा पानी, हवा तक नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि पिछले तीन महीने में बर्न वार्ड में भर्ती हुए मरीजों में से 25 की मौत हो चुकी है। गर्मी का पूरा महीना अभी बाकी है यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। दवा, जांच की अस्पताल में ठीक से उपलब्धता न होने को लेकर जेएएच अधीक्षक खुद को विवश बता चुके हैं।
अस्पताल की अव्यवस्थाओं का ठीकरा वह जीआर मेडिकल कालेज के डीन पर संभागायुक्त को पत्र लिखकर फोड़ चुके हैं। बर्न वार्ड में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए एसी लगाया जाता है जिससे बाहर की हवा का प्रवेश न हो और अंदर का तापमान ठंडा रहे। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहता और मरीज को ठंडे वातावरण में राहत मिलती है। पर बर्न वार्ड में खराब एसी लगे होने से मरीजों की परेशानी बढ़ी है।
मंत्री सारंग भी बंद नहीं करा पाए सरकारी अस्पातल में निजी मेडिकल
चिकित्सा शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद भी जेएएच में संचालित हो रहा निजी मेडिकल स्टोर बंद नहीं किया गया। जबकि जेएएच में दवाओं की उपलब्धता के लिए अमृत फार्मेसी है पर जनऔषधि केंद्र नहीं खोला गया। जन औषधि केंद्र पर शासन की ओर से सस्ते दाम पर दवाओं की उपलब्धता कराई जाती है। जो ब्रांडेड दवाओं से कम दर पर उपलब्ध होती है। इससे मरीज के इलाज का खर्च काफी कम हो जाता है। इसी बात को ध्यान मेंरखते हुए मंत्री ने निजी मेडिकल स्टोर बंद कराने के निर्देश दिए थे। जिस पर डीन कार्यालय का कहना है कि मेडिकल स्टोर बंद कराने के लिए नोटिस दे दिया गया है।