इंदौर न्यूज़ (Indore News)

पान मसाला पाउच के आधे हिस्से पर लिखना होगी ‘हानिकारक’ चेतावनी

  • 1 जनवरी से पूरे देश में लागू होगी व्यवस्था, अभी पाउच के पीछले हिस्से में बारीक अक्षरों लिखी होती है, चेतावनी, एफएसएसएआई ने सभी पान मसाला निर्माता कंपनियों को 1 जनवरी तक का समय दिया

विकाससिंह राठौर, इंदौर। देश (Country) में 1 जनवरी 2024 से सभी पान मसाला (Pan Masala) के पाउच के आगे के आधे हिस्से पर निर्माता कंपनियों को चेतावनी (alert) लिखना होगी। चेतावनी के रुप में लिखना होगा कि ‘पान मसाला चबाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक (chewing pan masala is injurious to health) है’। अभी स्वास्थ्य से जुड़ी यह चेतावनी पाउच के पीछे की ओर बारीक अक्षरों में लिखी जाती है, जिससे लोगों को यह नजर नहीं आती है और इसकी जानकारी भी नहीं मिल पाती है।

इसे लेकर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSI) द्वारा हाल ही में आदेश जारी करते हुए 1 जनवरी से देश में यह नियम लागू करने की बात कही है। आदेशों में साफ कहा गया है कि सभी पान मसाला निर्माताओं को 1 जनवरी से पान मसाला पाउच के आगे के 50 प्रतिशत हिस्से में अनिवार्य रुप से चेतावनी लिखना होगी। यह चेतावनी ब्रांड के नाम के ठीक नीचे होगी। प्राधिकरण का मनाना है कि इससे लोगों में जागरुकता बढ़ेगी, जिससे लोग पान मसाला का उपयोग कम करेंगे और इससे होने वाले दुष्प्रभावों से भी बच सकेंगे।

सिगरेट के पैकेट पर 70 प्रतिशत हिस्से में बनाना होता है कैंसर का फोटो –
सरकार इससे पहले भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारण चीजों के उपयोग को कम करने और लोगों में जागरुकता लाने के लिए ऐसे कदम उठा चुकी है। इससे पहले सिगरेट के पैकेट पर आगे की ओर करीब 70 प्रतिशत हिस्से पर चेतावनी के साथ कैंसर ग्रस्त व्यक्ति के मुंह का फोटो लगाने का आदेश दिया था, जिसके बाद सभी कंपनियों के पैकेट पर चेतावनी के साथ यह फोटो नजर आता है।


पान मसाला निर्माताओं ने दूसरी बार बढ़वाई समय सीमा –
अधिकारियों ने बताया कि एफएसएसएआई यह आदेश सबसे पहले अक्टूबर 2022 में जारी किया था, जिसमें इस व्यवस्था को 1 मई 2023 से लागू करने की बात कही गई थी। इस पर सभी पान मसाला निर्माता कंपनियों ने बड़ी मात्रा में पैकिंग मटेरियल स्टाक में होने की बात कहते हुए नुकसान से बचने के लिए समय बढ़ाने की मांग रखी थी। इसके बाद इस व्यवस्था को 1 अगस्त से लागू करने के आदेश जारी किए, लेकिन पान मसाला निर्माताओं ने दोबारा स्टाक बचा होने के कारण अतिरिक्त समय मांगा था, जिसके बाद अब शासन ने 1 जनवरी 2024 की अंतिम तारीख दी है, जिसे मानना सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य किया गया है।

चेतावनी में कैंसर भी हो शामिल –
शासन का यह कदम सराहनीय है, लेकिन शासन को चेतावनी में सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक लिखने के बजाए ‘कैंसर हो सकता है’ जैसे शब्दों को प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि पान मसाला में मुख्य रुप से सुपारी और कत्था शामिल होता है। यह दोनों चीजें कैंसर की संभावनाओं को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं। चेतावनी के साथ फोटो भी होने से लोग इसका उपयोग कम कर सकते हैं। घर में नजर आने पर बच्चे और परिजन भी इसके उपयोग से रोकते हैं। पान मसाला के लगातार उपयोग से लोगों का मुंह खुलना भी काफी कम हो जाता है। साथ ही मुंह और गले के कई रोग हो सकते हैं। – डॉ अमय बिहाणी, वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ

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