उज्जैन। पिछले चार दिनों से उज्जैन में मानसून की वापसी के चलते कल रात फिर पौन इंच के लगभग पानी बरस गया और शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया। आज सुबह जलस्तर बढऩे के कारण छोटा पुल जलमग्न हो गया तथा यहां से लेकर रामघाट तक कई मंदिर और घाट भी जलमग्न नजर आए। सुरक्षा के लिहाज से यातायात पुलिस ने पुल के दोनों ओर बेरिकेड्स लगाकर उज्जैन-बडऩगर मार्ग की आवाजाही रोक दी। मौसम विभाग की अक्टूबर महीने में बारिश की चेतावनी के बाद से चौथे दिन भी शहर में वर्षा का दौर जारी रहा। कल दिनभर रिमझिम पानी बरसता रहा और रात में तेज बरसात हुई। कल शाम तक 22 मिमी पानी बरसा था और इसके बाद रात से आज सुबह तक 17 मिमी अर्थात 0.66 इंच वर्षा रिकार्ड की गई। इसके चलते एक बार शिप्रा नदी में उफान आ गया। रामघाट से लेकर छोटे पुल तक घाट किनारे के कई मंदिरों के शिखर ही नजर आ रहे थे। इधर आज सुबह उज्जैन-बडऩगर मार्ग को जोडऩे वाले शिप्रा के छोटे पुल पर लगभग एक फीट ऊपर पानी बह रहा था। सुरक्षा के लिहाज से यातायात पुलिस ने छोटे पुल पर आवागमन रोकने के लिए दोनों ओर बेरिकेड्स लगाए।
इसके कारण वाहन चालकों तथा लोगों को आवाजाही के लिए बड़े पुल का उपयोग करने के लिए बाध्य होना पड़ा। वेधशाला से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल 1 जून से लेकर 27 सितंबर की सुबह तक उज्जैन शहरी क्षेत्र में वेधशाला से कुल 927 मिमी अर्थात 36.49 इंच वर्षा हुई थी। आमतौर पर 15 सितंबर को बारिश के सीजन का अंत और मानसून की बिदाई मानी जाती है। इधर पिछले चार दिनों से शहर में मानसून की वापसी हुई है। दशहरे के दिन से ही बारिश का दौर शुरू हो गया था और यह क्रम कल गुरुवार को भी जारी रहा। वेधशाला के अनुसार कल सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 22 मिमी पानी बरसा था और इसके बाद आज सुबह 8 बजे तक 17 मिमी वर्षा रात में रिकॉर्ड की गई। रात 1 बजे के लगभग तेज हवा, बिजली और गरज के साथ रुक-रुककर सुबह तक बारिश होती रही। आज सुबह भी बादल छाए हुए हैं। पिछले 24 घंटे में वेधशाला में 39 मिमी बरसात हो चुकी हैं, जो पौने दो इंच के लगभग है। Share: