इंदौर न्यूज़ (Indore News)

हिना पैलेस महा भू-घोटाला (पार्ट-5), जिन शर्तों पर जमीन छोड़ी उनमें से एक का भी पालन नहीं

सूर्या और श्रीराम गृह निर्माण संस्था की जमीन पर आदेश के पहले हर विभाग में अपने प्रतिवेदन ने छूट की शर्तों के उल्लंघन का ब्यौरा दिया

इंदौर। सूर्या और श्रीराम गृह निर्माण (Surya and Shriram house construction) के संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने सीलिंग की धारा 20 की छूट के उल्लंघन के संबंध में जो चर्चित आदेश पारित किया उसकी चपेट में आने वाली संस्थाओं और उनसे जुड़े माफियाओं की नींद हराम हो गई है, क्योंकि बीते कई वर्षों से इन्हीं जमीनों की बदौलत वे फल-फूल रहे थे। अब एक-एक कर ये जमीनें उनके चंगुल से छिनी जा रही है। कलेक्टर ने श्रीराम गृह निर्माण की जमीनों को माफियाओं द्वारा खुर्द-बुर्द कर बेचने और उसमें किए गए भू-घोटालों का खुलासा करते हुए धारा 20 (1) के तहत संस्था को जो अनुमति दी गई थी उसमें वर्णित 17 शर्तों के उल्लंघन का बिन्दुवार खुलासा किया और उसके लिए विधिवत एक-एक शर्तों की जांच करवाई और संबंधित विभागों से प्रतिवेदन भी लिए गए और तत्पश्चात प्रमुख सचिव राजस्व को पत्र भेजा, ताकि इन जमीनों को सरकारी घोषित किया जा सके।


कलेक्टर द्वारा जारी किए जा रहे आदेशों से जमीनखोरों में हडक़म्प मचा है। वहीं शासन स्तर पर भी इन आदेशों की प्रशंसा हो रही है। हालांकि यह भी तय है कि इन्हें अदालती चुनौती दी जाएगी, जिसके चलते कलेक्टर मनीष सिंह ने जो विस्तृत आदेश पारित किए उनमें विशेष सावधानी भी बरती गई और एक-एक शर्त उल्लंघन की जांच बारीकी से कराई गई। इतना ही नहीं, मुंबई हाईकोर्ट और फिर उस फैसले की पुष्टि में सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या और महाधिवक्ता की विधिक राय को भी शामिल किया गया है। सूर्या के साथ श्रीराम गृह निर्माण की इन दोनों बेशकीमती जमीनों को ही सरकारी घोषित करने से इनमें काबिज भूमाफियाओं को हजार करोड़ रुपए तक का फटका लगा है। अग्निबाण द्वारा सिलसिलेवार इन संस्थाओं में हुए घोटालों का खुलासा किया जा रहा है। श्रीराम गृह निर्माण संस्था को जमीन विक्रय करने के बाबद धारा 20 (1) में जो अनुमति दी गई उनमें वर्णित 17 शर्तों का उल्लंघन साबित किया गया, जिसमें जमीन मालिक को केवल संस्था को ही जमीन बेचने, संस्था द्वारा प्रमाणित सदस्यों को भूखंड आबंटित करने और छूट पर दी गई जमीन का विकास योजना के अनुरूप करने के साथ सदस्यों को भूखंड आबंटित करने से पहले उनके शपथ-पत्र भी लिए जाना जरूरी है। इसके साथ ही तीन साल की अवधि में सदस्यों को प्लाट आवंटन के साथ ही 10 साल तक उसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध के आदेश थे इसके साथ ही सोसायटी 2000 वर्गफीट से अधिक भूखंड का आबंटन नहीं कर सकेगा। 50 फीसदी भूखंड डेढ़ हजार स्क्वेयर फीट से अधिक के नहीं रहेंगे। इनमें से एक भी शर्तों का उल्लंघन अगर संस्था करती पाई जाती है तो विमुक्ति आदेश के तहत दी गई छूट वापस ले ली जाएगी, जबकि सहकारी संस्थाओं ने सभी 17 शर्तों का उल्लंघन कर भूमुाफियाओं को जमीन बेच दी।

उद्योग की जमीन पर बसी अवैध सर्वानंद भी चपेट में… निगम तोड़ चुका है एक होटल

प्रशासन की जांच में चर्चित माफिया की सर्वानंद नगर भी चपेट में आ गई है। कलेक्टर द्वारा दिए गए जांच आदेश पर अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने पिपल्याराव स्थित सीलिंग प्रभावित 3.850 हेक्टेयर जमीन पर सर्वानंद गृह निर्माण संस्था की जमीनों में हुए घोटालों के मद्देनजर आदेश जारी किया है। श्री राठौर के मुताबिक इसमें भी धारा 20 की शर्तों का उल्लंघन पाया जाता है तो इस जमीन को भी शासकीय घोषित कर दिया जाएगा। 2006 से लेकर बाद तक संस्था की जमीनें जिन लोगों को बिकी उन्हें भी नोटिस जारी कर जवाब मांगे और अध्यक्ष मोतीलाल खत्री की राजस्व मंडल में दी गई चुनौती भी खारिज हो गई और आगामी कार्रवाई के लिए अपर कलेक्टर को निर्देशित किया गया। यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व नगर निगम ने उद्योग की जमीन पर बसे अवैध सर्वानंद नगर में कई बंगले, होटल, होस्टल निर्मित हो गए हैं, जिनमें से एक होटल 25 हॉवर्स को तोड़ा भी किया गया था।

सुराज कॉलोनी में ही पात्र पीडि़तों का व्यवस्थापन संभव – कलेक्टर

जनसुनवाई में श्रीराम गृह निर्माण के पीडि़त भी पहुंचे। उनका कहना है कि वे 35 साल से संघर्ष कर रहे हैं और अब जमीन सरकारी घोषित कर गरीबों की सुराज कालोनी बनाई जा रही है। इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि अभी हम भूमाफियाओं के चंगुल से ये जमीनें छुड़वा रहे हैं। वहीं पात्र पीडि़तों के लिए भी सुराज कालोनी में ही व्यवस्थापन किया जा सकेगा। अभी तो ये जमीन पीडि़तों की बजाय रसूखदारों को अवैध तरीके से बिक गई है। अगर शासन में व्यस्थित हो गई तो पात्र पीडि़तों के हक भी सुरक्षित रहेंगे।

देवी अहिल्या की साधारण सभा शुरू विवादित मुद्दों पर हुआ विरोध

देवी अहिल्या गृह निर्माण की साधारण सभा आज 9 बजे से आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में सदस्य शामिल हुए। अपात्रों को भूखंड देने सहित अन्य मुद्दों पर हंगामा भी मचेगा। हालांकि सालों से संघर्ष करने वालों का कहना है कि वे शांति से अपनी बात रखेंगे, क्योंकि शासन-प्रशासन ने उन्हें भूमाफियाओं के चंगुल से जमीन छुड़वाकर भूखंड उपलब्ध करवाए हैं। लिहाजा संस्था और कालोनी की छवि प्रभावित ना हो। अयोध्यापुरी के अलावा देवी अहिल्या की श्रीमहालक्ष्मी नगर व अन्य के पीडि़त भी इसमें शामिल हुए हैं।

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