इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कैसे रोकें सड़कों पर होने वाली मौतें, इंदौर में हुई जागरूकता पर चर्चा

रफ्तार का सफर…फिसलता जीवन…सडक़ सुरक्षा और दुर्घटना रोकने पर जानकारों एवम इंजीनियरों ने रखी अपनी बात

2 दिन में 17 प्रेजेंटेशन…यूके, रशिया और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधियों ने बताए एक्सीडेंट रोकने के गुर

इन्दौर। आज के समय में रफ्तार (Speed) का सफर हर कोई कर रहा है। हाथ से फिसलते समय को पकडऩे की कोशिश में कई बार दुर्घटनाएं (Accident) हो जाती हैं। इन सडक़ मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रैफिक व्यवस्था से ज्यादा जागरूकता को विकल्प बताया गया है। हालांकि देशभर से आए 300 से ज्यादा इंजीनियरों ने सडक़ (Road) बनने के दौरान और बनने के बाद एक्सीडेंट झोन ब्लैक स्पॉट को चिह्नित कर इसे दूर करने पर भी जोर दिया।

यह बातें इंदौर में देशभर से आय इंजीनियरों और सडक़ सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताईं। इंडियन रोड कांग्रेस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के अंतिम दिन शनिवार को भी दिनभर प्रेजेंटेशन का दौर चलता रहा। 2 दिनों में 17 अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों ने अपनी राय सडक़ सुरक्षा के बारे में दी एवं सैकड़ों इंजीनियर और परिवहन विभाग के अधिकारी, ट्रैफिक के अधिकारियों ने सुझाव भी दिए और प्रश्न भी पूछे गए, जिनका जवाब भी दिया गया और समाधान भी बताया गया। प्रेजेंटेशन देने वालों में सबसे ज्यादा रोचक बात यूके, रशिया और ऑस्ट्रेलिया से आए प्रतिनिधियों ने कही। उन्होंने बताया कि भारत में  बेहतर ड्राइविंग और ट्रैफिक सेंस की कमी है। यहां ड्राइविंग लाइसेंस बनना आसान है और इससे रिन्यूअल का ड्यूरेशन भी काफी लंबा है। और तो और यहां पर ट्रैफिक सिग्नल क्यों लगे हैं इस बात की जानकारी 90 फीसदी लोगों को नहीं है। कहां पर ट्रैफिक सिग्नल लगा है, किस सेंस में लगा है इसकी जागरूकता हो जाए तो एक्सीडेंट में कमी आना निश्चित है। इंडियन रोड कांग्रेस के वाइस प्रेसीडेंट एवं लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश के सचिव आरके मेहरा, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (ब्रिज) संजय खाड़े, चीफ इंजीनियर बीके चौहान, आरके जोशी आदि ने कार्यक्रम को मूर्त रूप प्रदान किया, जिसमें देशभर से 300 इंजीनियर शामिल हुए। आयोजन में ट्रैफिक पुलिस ,परिवहन विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग , पीडब्ल्यूडी, मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, ब्रिज  आदि के अधिकारी भी मौजूद रहे।


दुर्घटना के समय तुरंत राहत…टोल फ्री 1099

मध्यप्रदेश में कहीं भी रोड एक्सीडेंट होता है तो इसके लिए नेशनल हाईवे, पीडब्ल्यूडी और स्टेट हाईवे के टोल फ्री नंबर 1099 पर कोई भी कॉल करके एक्सीडेंट की लोकेशन बता सकता है। दरअसल यह टोल फ्री नंबर भोपाल से डिजिटल लाइव लोकेशन के साथ संबंधित पुलिस अस्पताल और एंबुलेंस तीनों जगह सूचना पहुंचाने का काम करता है, जिसमें पुलिस और एंबुलेंस को प्राथमिकता दी गई है। यहां से  डायल 100 और 108 पर सूचना करते हैं। जानकारों ने बताया कि ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है। इसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।

स्मार्टफोन  और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट की टेक्नोलॉजी भी

विशेषज्ञ इंजीनियरों ने बताया कि आज हर आदमी स्मार्टफोन का यूज कर रहा है। इसको देखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ नई तकनीक को जोड़ रहे हैं, जिससे कि सडक़ पर होने वाले एक्सीडेंट को कम किया जा सके। टेक्नोलॉजी में यह भी काम किया जा रहा है कि सडक़ पर वाहन चलाने के दौरान ड्राइवर कहीं अपनी दिशा से भटक रहा है, मोबाइल से बात कर रहा है या फिर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहा है तो मोबाइल और वाहन के डिजिटल डिस्प्ले पर सूचना मिल पाएगी। ठीक इसी प्रकार जैसे कि सीट बेल्ट लगाने पर कार में बीप डिफेकेशन आता है। इससे दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है।

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