उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

प्रतिदिन सैकड़ों मरीज पहुँच रहे अस्पतालों में, ओपीडी में भी यही हालत

  • मध्यप्रदेश में एच3 एन2 की दस्तक-शहर में इस नए वेरिएंट ने पैर पसारे
  • मास्क पहनने और सफाई रखने के निर्देश, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

उज्जैन। जिला अस्पताल, माधव नगर सहित निजी क्लीनिकों पर मरीजों की कतारें लगी हुई हैं। सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया से पीडि़त सैकड़ों मरीज अस्पतालों में प्रतिदिन आ रहे हैं। 30 प्रतिशत तक अस्पतालों में ओपीडी बढ़ गई। मौसमी बीमारियों को लेकर शहर में हाहाकार की स्थिति निर्मित हो रही है। बच्चे, बुजुर्ग और कम इम्युनिटी वाले लोगों में वायरस तेजी से संक्रमण फैला रहा है। एक साल से छोटे बच्चों की स्थिति खतरनाक हो रही है, वहीं अस्पतालों में सर्दी, खांसी और बुखार को लेकर मरीज बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में जहां प्रतिदिन डेढ़ से दो सौ मरीज प्रतिदिन जांच के लिए पहुंच रहे हैं, वहीं माधवनगर में यह आंकड़ा 150 के पार जा रहा है। शहर के निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में इन दिनों बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की कतारंे लगी हुई हैं। डॉ. भोजराज शर्मा ने बताया कि छोटे बच्चे, बुजुर्ग, सांस की बीमारी, डायबिटीज व गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। प्रतिदिन जिला अस्पताल में इस तरह के संक्रमण से प्रभावित लोग आ रहे हैं। गले में खराश और इन्फेक्शन लेकर आ रहे लोगों के सैम्पल लिए जा रहे हैं।

जांच अभी भी शुरू नहीं की
भोपाल में हाल ही में एच3 एन2 पाजीटिव मरीज के मिलने के बाद राजधानी में अलर्ट जारी कर दिया गया है, वहीं केंद्र शासन ने भी 6 राज्यों में अलर्ट जारी किया है, लेकिन उज्जैन का स्वास्थ्य विभाग अब भी इस संक्रमण को हल्के में ले रहा है। केंद्र सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र में स्थिति भयावह होती जा रही है। इस लिहाज से उज्जैन शहर में इन क्षेत्रों से आने वाले लोगों का परीक्षण किया जाना चाहिए, लेकिन अब तक विभाग ने सिर्फ सतर्क रहने की एडवाइजरी जारी की है। जांच परीक्षण नहीं किए जा रहे हैं।


चरक में 80 से अधिक बच्चे भर्ती
चरक अस्पताल में मौजूदा हालात यह है कि 80 से अधिक बच्चे इन्फ्लूएन्जा वायरस की चपेट में आकर भर्ती है, वहीं आईसीयू में बच्चों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। हालत यह है कि बिस्तर कम पडऩे लगे हैं। डाक्टरों ने बच्चों में निमोनिया और डबल निमोनिया जैसे लक्षणों की अधिकता बताई है। ज्ञात हो कि हाल ही में एक पांच वर्षीय बच्ची की मौत इलाज के दौरान हो गई। डाक्टरों ने सर्दी-खांसी को हल्के में न लेने के निर्देश जारी करते हुए घर पर ही इलाज न करने की समझाइश दी है।

सतर्क रहने के निर्देश
विभाग द्वारा जारी निर्देश में बार-बार हाथ धोने, बीमार व्यक्ति के सम्पर्क में आने से बचने की समझाइश देने के साथ-साथ मास्क का प्रयोग करने के निर्देश जारी किये हैं। डाक्टरों के अनुसार इस तरह के इन्फेक्शन से सिर्फ बचाव से ही बचा जा सकता है। सार्वजनिक जगहों पर जाने से पहले मास्क जरूर लगाए, वहीं छींकते और खांसते समय रूमाल का प्रयोग करें।

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